पूरी दुनिया कोरोना के कहर का सामना कर रहा हैं जिसके सबसे पहले मामले चीन में देखने को मिले और वुहान लैब से इसकी उत्पत्ति के कयास लग रहे हैं। लेकिन अब कोरोना के बाद चीन डॉग मीट फेस्टिवल से सुर्ख़ियों में आ गया हैं जहां इन दिनों चीन के युलिन प्रांत में दुनिया का सबसे बड़ा डॉग मीट फेस्टिवल मनाया जा रहा हैं जिसमें बेरहमी से हजारों कुत्तों को मार दिया जाता हैं। एनिमल राइट्स संस्थाएं पहले से ही इस पर हल्ला करती रहीं है। वहां कुत्ते खाने का ये उत्सव पूरी शान से मन रहा है।
चीन के यूलिन प्रांत में होने वाले इस त्योहार में लोग शामिल भी हो रहे हैं। कुत्ते से लेकर कई तरह के पालतू और जंगली पशुओं का मांस चाव से खाने वाले इस देश में डॉग मीट को मटन ऑफ द अर्थ कहते हैं। लोग कुत्ते के मांस में आध्यात्मिक ताकत देखते हैं और ईश्वर से जुड़ने के लिए इसे खाने पर जोर देते हैं। वे मानते हैं कि कुत्तों का मांस न सिर्फ आत्मा को, बल्कि शरीर को भी तंदुरुस्त रखता है। यहां कुत्तों को पकाने के अलग-अलग तरीकों के अलावा एक तरीका यहां खासा क्रूर है, इसे प्रेस्सड डॉग रेसिपी कहते हैं, जिसके तहत कुत्तों की स्किन निकालकर उसे पीटकर फिर रातभर मैरिनेट करते हैं और फिर पकाते हैं। इसके लिए अलग से चीन और पड़ोसी देशों से भी कुत्तों की तस्करी की जाती है।