
हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक ऐसा वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसने सोशल मीडिया यूज़र्स को चौंका दिया है। यह वीडियो वायरल कंटेंट की दुनिया में एक नई मिसाल बन गया है। वायरल वीडियो में एक बंदर कैमरा लेकर व्लॉग बना रहा है, जैसे कोई पेशेवर YouTuber या इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर हो। इस वीडियो पर 100 मिलियन के करीब व्यूज और लगभग 8 मिलियन लाइक्स आ चुके हैं, जो इसे इंस्टाग्राम पर ट्रेंडिंग वीडियो की श्रेणी में ला देता है। इतना ही नहीं, इस वायरल क्लिप को करीब साढ़े मिलियन से ज्यादा लोगों ने शेयर भी किया है, जो सोशल मीडिया पर इसकी पहुंच और लोकप्रियता को दर्शाता है।
इस वीडियो के अलावा, और भी कई मजेदार और हैरान करने वाले वीडियो उसी इंस्टाग्राम अकाउंट से पोस्ट किए गए हैं। इन वीडियोज़ में डिजिटल क्रिएटिविटी और एडिटिंग स्किल्स का शानदार मेल देखा जा सकता है। इस वीडियो की गहराई से जांच करने पर चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि यह वीडियो AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जनरेटेड है, ना कि किसी असली बंदर का बनाया हुआ।
वायरल वीडियो में क्या है खास?वायरल वीडियो में एक बंदर हरिद्वार की पवित्र भूमि, हर की पौड़ी में स्नान करने आया है। इस बंदर के हाथ में मोबाइल है और वह बड़े आत्मविश्वास के साथ व्लॉगिंग कर रहा है, जैसे कोई सोशल मीडिया व्लॉगर हो। वह बंदर एकदम व्लॉगर स्टाइल में कहता है, नमस्कार दोस्तों, आज मैं आया हूं हरिद्वार, हर की पौड़ी में गंगा स्नान करने और गंगा मां का आशीर्वाद लेने।
वीडियो में बंदर न सिर्फ इंसानों जैसी भाषा बोलता है बल्कि उसकी आवाज़, हाव-भाव और अंदाज़ भी हूबहू इंसानों जैसा लगता है, जिससे लोग धोखा खा जाते हैं। आगे वह कहता है, अब मैं रेडी हूं स्पिरिचुअल व्लॉग बनाने के लिए। मैं पहली बार गंगा स्नान करने आया हूं, थोड़ा ठंडा है पानी लेकिन दिल को सुकून मिल रहा है।
बंदर ने वीडियो में यह भी कहा कि ऐसे क्षण जीवन में कभी-कभी आते हैं।
इस विडंबनापूर्ण दृश्य को देखकर सोशल मीडिया यूज़र्स के जहन में सवाल उठता है — क्या एक बंदर सचमुच इंसानों की तरह बोल सकता है और व्लॉग बना सकता है?
क्या है वीडियो का सच्चा सच?इस वीडियो की असलियत जानने के लिए जब हमने इसका फैक्ट चेक और तकनीकी विश्लेषण किया, तो सच्चाई सामने आई। दरअसल, यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का कमाल है। यह एक ऐसा डिजिटल कंटेंट है जिसे कंप्यूटर जनरेटेड ग्राफिक्स और वॉयस मॉड्यूलेशन टूल्स की मदद से बनाया गया है।
इस वायरल वीडियो को डीपवेयर स्कैनर नामक एक विशिष्ट टूल से जांचा गया, जो AI से बने डीपफेक वीडियोज़ का पता लगाने में माहिर है। इस टूल की मदद से वीडियो में मौजूद चेहरों की अप्राकृतिक मूवमेंट, लिप सिंक और फ्लिकर पैटर्न को स्कैन किया गया। वीडियो की बारीकी से जांच के बाद यह साफ हो गया कि यह AI जनरेटेड वीडियो है और इसे इंसानों की तरह दिखाने के लिए वॉइस ओवर व डीपफेक तकनीक का उपयोग किया गया है।