कोरोना वायरस (Coronavirus, Covid 19) के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पूरी दुनिया में लॉकडाउन की स्तिथि बनी हुई है। लॉकडाउन के चलते लोगों को घरों से बाहर निकलने की मनाई है। पूरी दुनिया में मंदिर-मस्जिद से लेकर चर्च और गुरुद्वारे तक को बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं, वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए करीब 700 साल बाद यरुशलम में उस पवित्र चर्च तक को बंद कर दिया गया है, जहां ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था। बता दें कि यरुशलम के इसी चर्च में ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था, जिसके बाद उन्हें यहीं पर दफना भी दिया गया था। ईसाइयों के लिए यह दुनिया का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। इससे पहले यह चर्च सन 1349 में प्लेग बीमारी की वजह से बंद किया गया था।
सन 1347 में पूरे एशिया में ब्लैक प्लेग फैलने के बाद इस चर्च को पहली बार बंद किया गया था। ब्लैक प्लेग की वजह से यूरोप में लाखों लोगों की जान गई थी। बता दें कि ब्लैक प्लेग की वजह से सागर में कई महीनों तक 12 जहाज रुके हुए थे। जब महामारी का प्रकोप खत्म हुआ तो उस जहाज के चालक मर चुके थे और ज्यादातर सवारियों की भी मौत हो गई थी। लोग वो तस्वीर देखकर बुरी तरह डर गए थे।
इस चर्च की सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसकी चाबी एक मुस्लिम परिवार के पास रहती है। बीते 8 पीढ़ियों से ऐसा चला आ रहा है। इस चर्च के बंद होने पर चाबी रखने वाले परिवार ने कहा कि चर्च को बंद होते देखना काफी दुखद है।