कोरोना के आने के बाद से ही हर क्षेत्र में व्यापार पर असर पड़ा हैं। ऐसा ही कुछ खराब प्रभाव पड़ा हैं देह-व्यापार पर। देह-व्यापार लगभग हर देश में होता हैं। कहीं यह कानूनी हैं तो कहीं गैर कानूनी। देह-व्यापार में लिप्त महिलाएं मंदी और महामारी की दोहरी मार झेल रहीं हैं। यही स्थिति दक्षिणी अमेरिका के वेनेज़ुएला में में रिफ्यूजी महिलाओं की भी हैं। कोरोना की वजह से जहां ज्यादातर लोग घरों में हैं वहीं, यहां महिलाएं देह-व्यापार करने को मजबूर हैं।
महामारी की वजह से वेनेजुएला इस समय बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। बेरोजगारी, तबाही और खराब स्वास्थ्य सेवा की वजह से लाखों लोग देश छोड़ कर जा चुके हैं। सबसे ज्यादा असुरक्षित यहां की रिफ्यूजी महिलाएं हैं जिन्हें हिंसा, यौन शोषण और तस्करी का शिकार होना पड़ रहा है।
कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से दक्षिण अमेरिका के सारे बॉर्डर बंद हैं जिसकी वजह से अवैध तरीके से लोगों को एक से दूसरी जगह पहुंचाने का काम भी चोरी-छिपे किया जा रहा है। वहीं कुछ लोग पैदल चलकर भी बॉर्डर पार करने को मजबूर हैं।
यहां की एक सेक्स वर्कर ने कहा ‘पुरुषों को लगता है कि क्योंकि आपके पास बच्चे हैं, तो उनके पालन-पोषण के लिए आप देह-व्यापार का काम जरूर करेंगी। मेरे पास भी इस काम के बहुत प्रस्ताव हैं और मैं इससे इनकार नहीं कर सकती क्योंकि मुझे काम की जरूरत है’।
सेक्स वर्कर का कहना है, ‘महामारी की वजह से सेक्स वर्कर्स की हालत चिंताजनक हो गई है। क्वारंटीन की वजह से वो इतने पैसे नहीं कमा पा रहीं है कि अपने परिवार और खुद के लिए जरूरी इंतजाम कर सकें’। दो साल पहले तक उन्हें वेश्यावृति के काम के लिए 9 डॉलर(675 रुपए) तक की पेशकश की जाती थी। उन्होंने कहा, ‘मैं वेनेजुएला के कई ऐसी सेक्स वर्कर्स को जानती हूं जो इस महामारी में जिंदा रहने के लिए 2 डॉलर (150 रुपए) तक में भी काम कर रहीं हैं’।