मंगलवार को चीन China में दुनिया का सबसे लंबा 'सी ब्रिज Sea Bridge' यातायात के लिए खोल दिया गया। यह हांगकांग और मकाऊ के साथ ही चीन के झुहाई शहर को जोड़ेगा और इसकी लंबाई 34 मील यानी 55 किमी है। इस पुल को बनाने में तक़रीबन 6 साल तक प्लानिंग की गई और 8 साल में बन कर तैयार हुआ। इसे बनाने के दौरान एक अंडरग्राउंड सुरंग भी खोदी गई ताकि समुद्र जहाजों का रूट बाधित न हो। इसके अलावा 625 मीटर क्षेत्रफल वाला एक नकली द्वीप भी समुद्र के बीच बनाया गया ताकि आसानी से पुल बन सके।
इस सी ब्रिज को बनाने की इंजीनियरों की तकनीक किसी को भी इंप्रेस कर देगी। यह पुल चीन के ग्रेटर बे इलाके में व्यापार को बढ़ावा देगा। चीन मानता रहा है कि यह इलाका एक बड़ा इकॉनमिक हब बन सकता है। इन शहरों के बीच यात्रा में लगने वाले वक्त को यह ब्रिज बहुत कम कर देगा। इससे चीन से सामान को हांगकांग एयरपोर्ट ले जाना बहुत आसान हो जाएगा। जहां से इस सामान को आसानी से दुनिया भर में भेजा जा सकेगा। बताते चलें कि हांगकांग एयरपोर्ट माल ढुलाई के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है
लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि यह पुल चीन का हांगकांग की स्वायत्तता में कटौती करने और अपना प्रभाव वहां और बढ़ाने के एक प्रयास के तौर पर भी देख रहे हैं।
चीन का यह सी-ब्रिज भारत के सबसे बड़े सी ब्रिज बांद्रा वर्ली सी लिंक ब्रिज से करीब 10 गुना बड़ा है। भारत ने केबल तारों पर टिके इस 8 लेन के सी-लिंक ब्रिज की कल्पना 90 के दशक में की थी।
हालांकि इसके बनने के दौरान कई PIL दायर करके इसका विरोध किया गया था। जिसमें मछुआरों और पर्यावरणविदों की याचिकाएं शामिल थीं।