आप सभी ने रामायण की कथा तो सुनी ही होगी कि किस तरह रावण की लंका में हनुमान जी को बंधी बनाया गया था और फिर उन्होनें लंका में आग लगा दी थी। रावण भी हनुमान जी को बंधी नहीं बना पाया था। लेकिन बिहार के वैशाली जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया जिसमें पुलिस ने शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उपद्रवियों को नहीं बल्कि हनुमान जी को हिरासत में ले लिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में दो अलग-अलग पक्षों की तरफ से दो अलग-अलग केस दर्ज कर लिए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया है कि, पानापुर गौराही गांव में बलवा क्वोरी ठाकुरबाड़ी में एक विवादित भूमि पर कुछ लोगों (तीसरे पक्ष) ने भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित करने की कोशिश की। इसे लेकर ठाकुरबाड़ी समिति के लोग क्रोधित हो गए। इसे लेकर तब विरोध और बढ़ गया, जब कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति जताते हुए प्रतिमा को वहां से हटाने की मांग की।इसके बाद दोनों पक्षों में टकराव की स्थिति पैदा हो गई। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची सदर पुलिस ने हनुमानजी की प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया। हाजीपुर के पुलिस उपाधीक्षक राघव दयाल ने कहा कि दोनों पक्षों के लिखित आवेदन के बाद सदर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा है कि सार्वजनिक जमीन पर मंदिर या प्रतिमा की स्थापना प्रतिबंधित है। भगवान हनुमान की प्रतिमा को कब्जे में ले लिया गया है और उसे थाने में सुरक्षित रखा गया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।