बिहार से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक तांत्रिक ने कथित रूप से बेगूसराय के सब डिविजनल ऑफिसर (SDO-सदर) को एक आवेदन भेजा, जिसमें उसने अपने देवता को खुश करने के लिए मानव बलि की अनुमति मांगी। तांत्रिक ने दावा किया कि मानव बलि कोई अपराध नहीं है और वह पहले अपने इंजीनियर बेटे की बलि देगा।
उसने अपने बेटे को रावण बताया है और कहा कि सबसे पहले वो उसी की बलि लेगा। उसके बेटे ने उसके मंदिर को पैसा देने से इनकार कर दिया, जिससे वो उसकी बलि लेना चाहता है। कथित तौर पर पत्र को 'बिंदू मां मानव कल्याण संस्थान' नामक एक संगठन के लेटरहेड पर लिखा गया था।
दावा किया जाता है कि तांत्रिक इसका नेतृत्व करता है। सिंह ने कहा कि संस्था को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत किया गया था। पागल बाबा के नाम से मशहूर सिंह ने कहा कि उन्हें देवी कामाख्या ने मानव बलि देने का आदेश दिया था। स्थानीय लोगों ने कहा कि पागल बाबा को अक्सर नग्न घूमते या मानव खोपड़ी को हाथ में लेकर चलते देखा जा सकता है। जबकि उन्हें संदेह है कि प्रचार हासिल करने के लिए यह तांत्रिक का एक और स्टंट हो सकता है, उन्हें यह भी डर है कि उनके बच्चे उसकी पकड़ में आ सकते हैं।
बता दे, तांत्रिक की पहचान सुरेंद्र प्रसाद सिंह के रूप में हुई है और मोफस्सिल थाने के अधिकार क्षेत्र के तहत मोहनपुर पहाड़पुर गांव का निवासी है। पत्र की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, हालांकि, एसडीओ संजीव कुमार चौधरी ने इस तरह का कोई भी पत्र प्राप्त होने से इनकार कर दिया। इस मामले को गंभीर मानते हुए, एसडीओ ने कहा कि मानव बलि अवैध है और पत्र और तांत्रिक को खोजने के लिए जांच का आदेश दिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।