जब भी आप किसी को देखते हैं तो उनके चहरे से ही उनकी उम्र की पहचान कर पाते हैं और जरा सोचिये कि उम्र बढ़ने पर भी आपका चेहरा बच्चों जैसा ही हो तो। जी हाँ, ऐसा ही कुछ है फिलीपिंस के 23 वर्षीय शिक्षक फ्रांसिस मांगा के साथ जो कि बुलाकान प्रांत के मोंटे सिटी के सेन जोस डेल स्कूल के किंडरगार्टन सेक्शन के हेड हैं। इनको देखकर यह पता ही नहीं लगाया जा सकता हैं कि ये शिक्षक हैं क्योंकि फ्रांसिस मांगा का चेहरा, बाल, हाथों की लंबाई और आवाज भी बच्चों की तरह है। हालांकि, कद जरूर पांच फीट के करीब है। जिससे खड़े होने पर ही उनकी अलग पहचान कर पाते हैं।
इतनी उम्र होने पर भी फ्रांसिस के चेहरे पर दाढ़ी-मूंछ क्यों नहीं आई। इसके लिए वह कभी डॉक्टर के पास नहीं गए। वे कहते हैं मैंने इसे जरूरी नहीं समझा, क्योंकि पढ़ाई के दौरान कभी क्लासमेट्स ने उनका मजाक नहीं उड़ाया। वे मानते हैं उनमें सभी तरह के हार्मोनल बदलाव नहीं आए। इसलिए अभी तक वह अपने हम उम्र साथियों जितने जवान नहीं दिखते हैं।
फ्रांसिस कहते हैं, मैंने अपनी हेल्थ प्रॉब्लम्स (Health Problems) पर काबू पाया है। 22 साल की उम्र में लीसेंशियोर एग्जाम देकर शिक्षक के प्रोफेशन में आया। मेरी क्लास के ज्यादातर स्टूडेंट्स मुझे टीचर नहीं, बल्कि एक बड़ा भाई समझते हैं। मेरे चेहरे के लुक के कारण अक्सर लोग मुझे शिक्षक नहीं समझ पाते हैं। वे कन्फ्यूज न हो इसलिए मैं हमेशा थोड़े बड़े और खुले कपड़े पहनता हूं। चश्मा लगाता हूं और लेदर के जूते पहनता हूं। मैं समझता हूं कि एक टीचर होने के नाते आपको बच्चों का रोल मॉडल होना चाहिए। चेहरा कैसा भी हो, फर्क नहीं पड़ता।
फ्रांसिस बताते हैं, जब भी मैं स्टूडेंट्स को क्लास में पढ़ाता हूं तो गंभीर होता हूं। ताकि वे मुझे गंभीरता से लें और टीचर-स्टूडेंट के रिश्ते को समझ सकें। बचपन में मेरे क्लासमेट्स ने कभी भी मुझे मेरे चेहरे या आवाज के कारण परेशान नहीं किया। हालांकि, तब कुछ लोग थे जिन्हें मेरा मजाक बनाना पसंद था। अब भी ऐसे लोग हैं, जो मुझे लिटिल बॉय (Little Boy) कहकर चिढ़ाते हैं। इस ऐसे लोगों पर ध्यान नहीं देता। वे मेरा मजाक मेरी हिम्मत तोड़ने के लिए करते हैं, लेकिन असल में वे मेरी ही मदद करते हैं, ताकि मैं बिना डरे और घबराए उनका सामना करूं और अपनी अलग पहचान बनाऊं।