सामान्य तौर पर देखा गया है कि मरने के बाद इंसान के शव को या तो जला दिया जाता हैं या फिर दफना दिया जाता हैं। लेकिन आज हम आपको जिस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं वहाँ पर शव के साथ कुछ ऐसा काम किया जाता है कि सुनकर ही दिल दहल उठे। जी हाँ, यहाँ मुर्दो को एक लोहे के पिंजरे में बंद करके रखा जाता हैं। लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है, आइये जानते है इसके बारे में।
टेक्सस स्टेट यूनिवर्सिटी के Scientists at The Forensic Anthropology Centre ने बताया कि शवों को यहाँ जान-बूझकर खुले में सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है और फिर ये देखा जाता है कि शव को खुले में छोड़कर इस पर क्या प्रभाव पड़ता है। इस फार्म में लाइन से लोहे के पिंजरों में शवों को 6 महीने तक के लिए खुला छोड़ देते है।
ये सब पुलिस और फॉरेंसिक डिपार्टमेंट की मदद के लिए किया जाता है। दरअसल जितनी भी अज्ञात व्यक्तियों की डेड बॉडी मिलती है उन डेड बॉडी को और इन शवों को कम्पेयर कर मौत के कारण का पता लगाया जाता है और फिर उसका निष्कर्ष निकाला जाता है। इसके द्वारा पुलिस और फॉरेंसिक डिपार्टमेंट को किसी शख्स की मौत की वजह जानने में मदद मिलती है और फिर वो सभी सबूतों को कोर्ट में पेश कर देते है।
यहाँ सभी लोग अपनी इच्छानुसार बॉडी डोनेट करते है साथ ही यहाँ इस बात का भी ख्याल रखा जाता है कि बॉडी का वजन 220 kg से कम ही हो। साथ ही मरने वाले इंसान को हेपीटाइटिस जैसी कोई फैलने वाली बीमारी तो नहीं थी।