
उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में आसमान से बरसती आफत थमने का नाम नहीं ले रही। हिमाचल के कांगड़ा और कुल्लू के बाद अब उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भारी बारिश ने जनजीवन को झकझोर दिया है। रविवार सुबह एक भयावह दृश्य तब देखने को मिला जब उत्तरकाशी के बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर स्थित बलिगढ़ क्षेत्र में बादल फट गया। इस दिल दहला देने वाली घटना में एक निर्माणाधीन होटल की साइट पर काम कर रहे 8 से 9 मजदूर अचानक लापता हो गए। उनके परिजन और गांव वाले अब भी उम्मीद की डोर थामे बैठे हैं कि शायद कोई चमत्कार हो जाए।
जैसे ही हादसे की सूचना मिली, मौके पर पुलिस के साथ-साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बिना वक्त गंवाए रवाना कर दी गईं। बड़कोट तहसील के सिलाई बैण्ड के पास यह हादसा हुआ, जहां कई मजदूर टेंट लगाकर काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि पिछले दो दिनों से इलाके में मूसलाधार बारिश हो रही थी, जिससे ज़मीन पहले ही कमजोर हो चुकी थी। रविवार सुबह जब लोग नींद से जाग भी नहीं पाए थे, तभी बादल फटने की तेज़ आवाज़ ने हर किसी का दिल दहला दिया। मजदूरों के परिवार और गांव के लोग भय और चिंता से घिरे हुए हैं—हर पल किसी चमत्कार की दुआ कर रहे हैं।
यमुनोत्री मार्ग भी बंद, तीर्थयात्रा प्रभावितबादल फटने का असर यमुनोत्री मार्ग पर भी देखने को मिला। श्रद्धालुओं से भरा यह मार्ग एकाएक बंद हो गया, जिससे लोगों को न केवल मानसिक तकलीफ झेलनी पड़ी बल्कि कई को पहाड़ी रास्तों पर ही रोकना पड़ा। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि मौके पर बचाव अभियान तेज़ी से चलाया जा रहा है और एसडीआरएफ-एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। सिलाई बैण्ड के पास यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो से तीन जगहों पर सड़कें मलबे में दब गई हैं। एनएच विभाग को स्थिति से अवगत करा दिया गया है ताकि जल्द से जल्द रास्ता बहाल किया जा सके।
नौगांव और राजगढ़ी तहसील में भी तबाहीसिर्फ बड़कोट ही नहीं, बल्कि नौगांव ब्लॉक और राजगढ़ी तहसील के कुथनौर गांव में भी बादल फटने की खबर आई है। यहां लोगों की मेहनत से संजोई गई कृषि भूमि बर्बाद हो गई। हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। ग्रामीणों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही हैं—क्योंकि ज़मीन ही उनका जीवन आधार है।
5 दिनों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्टमौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई जिलों—जैसे ऋषिकेश, रुड़की, रानीखेत, देहरादून और उत्तरकाशी—में अगले पांच दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। ऐसे में प्रशासन की चिंता बढ़ गई है कि कहीं हालात और ना बिगड़ जाएं। हर गांव और कस्बे में प्रशासन ने अलर्ट मोड पर टीमों को तैनात कर दिया है।
चारधाम यात्रा 24 घंटे के लिए स्थगितबारिश और भूस्खलन के डरावने मंजर के बीच प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चारधाम यात्रा को अगले 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया है। जो श्रद्धालु ऋषिकेश तक पहुंच चुके थे, उन्हें वहीं रोक लिया गया है, जबकि जो आगे की यात्रा पर निकल चुके हैं, उन्हें भी सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह दी गई है। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि सुरक्षा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।
यह संपूर्ण घटनाक्रम ना सिर्फ कुदरत की ताकत का एहसास कराता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि मानवीय जिंदगियां कितनी असुरक्षित हो जाती हैं जब मौसम अपना रौद्र रूप दिखाता है। इस मुश्किल घड़ी में ज़रूरत है एकजुटता, संवेदनशीलता और तत्परता की—ताकि नुकसान को कम किया जा सके और जो लोग संकट में हैं, उन्हें हरसंभव मदद मिल सके।