उत्तराखंड के नेपाल सीमा से सटे 40 गांवों का होगा समग्र विकास, वाइब्रेंट विलेज 2.0 में शामिल किए गए ये गांव

नेपाल सीमा के पास स्थित उत्तराखंड के 40 गांवों को समग्र विकास की दिशा में अब ठोस कार्ययोजना के तहत विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार के महत्वाकाक्षी वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम 2.0 में शामिल किए गए इन गांवों का वर्तमान में विस्तृत सर्वेक्षण चल रहा है। शासन ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वह सर्वेक्षण शीघ्र पूरा करे और संपूर्ण ब्योरा वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करे। इस सर्वेक्षण के आधार पर ही यह तय किया जाएगा कि इन गांवों के विकास के लिए कौन-कौन सी योजनाएं सबसे प्रभावी रहेंगी।

सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों के सतत विकास को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम चला रही है। इसके पहले चरण में चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के 51 गांवों को शामिल किया गया था, जहां विभिन्न विकास कार्य संचालित हो रहे हैं। अब नेपाल सीमा से सटे इन 40 गांवों को वाइब्रेंट विलेज 2.0 में शामिल किया गया है। इनमें चंपावत जिले के 11, पिथौरागढ़ के 24 और ऊधम सिंह नगर जिले के 5 गांव शामिल हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, इन गांवों में चार मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा:

ऑल वेदर रोड कनेक्टिविटी

4-जी टेलीकॉम कनेक्टिविटी

टेलीविजन कनेक्टिविटी

ग्रिड से विद्युत आपूर्ति

इस कड़ी में वर्तमान में प्रत्येक गांव का सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वेक्षण में जनसंख्या, क्षेत्रफल, मौजूदा विकास योजनाओं की स्थिति और स्थानीय सुविधाओं की जानकारी जुटाई जा रही है।

अपर सचिव और राज्य में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की नोडल अधिकारी अनुराधा पाल ने बताया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर इन गांवों के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। योजना में आजिविका विकास, पर्यटन गतिविधियों और स्थानीय बुनियादी ढांचे के सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके बाद राज्य स्तर से यह कार्ययोजना केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्तुत की जाएगी, जिससे इन सीमावर्ती गांवों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित हो सके।