
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में सोमवार को एक पटाखा फैक्ट्री में हुए जबरदस्त विस्फोट ने चार महिलाओं की जान ले ली और कई अन्य लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। खेतों के बीच चल रही यह फैक्ट्री देखते ही देखते ताश के पत्तों की तरह ढह गई। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने का अभियान जारी है, वहीं हादसे की जांच भी शुरू हो गई है।
धमाके से दहला अतरासी कलां गांवघटना अमरोहा के अतरासी कलां गांव की है, जहां दोपहर करीब 11:45 बजे खेतों के बीच संचालित एक लाइसेंसी पटाखा फैक्ट्री में अचानक तेज धमाका हुआ। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पूरी इमारत कुछ ही सेकंड में धराशायी हो गई और आसपास का इलाका मलबे से भर गया। धमाके की गूंज दूर-दूर तक सुनाई दी, जिससे गांव में दहशत फैल गई।
चार महिलाओं की मौत, कई घायलअब तक की जानकारी के अनुसार हादसे में चार महिलाओं की मौत हो चुकी है जबकि छह से अधिक महिलाएं घायल हुई हैं। दर्जनों अन्य मजदूर भी इस विस्फोट की चपेट में आए हैं। सभी घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज जारी है।
राहत और बचाव कार्य जारीधमाके की खबर मिलते ही स्थानीय ग्रामीण सबसे पहले मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। बाद में पुलिस, प्रशासन और फायर ब्रिगेड की टीमें भी मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य में जुट गईं। मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने के लिए जेसीबी मशीनों की मदद ली जा रही है।
फैक्ट्री के पास था लाइसेंसअमरोहा के एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि फैक्ट्री का संचालन सैफउर्रहमान नामक व्यक्ति कर रहा था, जो हापुड़ का निवासी है। फैक्ट्री को पटाखा निर्माण के लिए विधिवत लाइसेंस मिला हुआ था, लेकिन अब यह देखा जा रहा है कि क्या सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा था या नहीं।
धमाके की वजह अभी स्पष्ट नहींफैक्ट्री में हुए विस्फोट का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। पुलिस और फॉरेंसिक टीम घटनास्थल की जांच कर रही है। प्राथमिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि बारूद के असुरक्षित भंडारण या निर्माण प्रक्रिया में कोई लापरवाही इस हादसे की वजह हो सकती है।
गांव में मातम का माहौलधमाके के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। जिन घरों की महिलाएं फैक्ट्री में काम करने गई थीं, वहां भय और चिंता का माहौल है। गांववालों की मांग है कि हादसे के जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए।
सरकारी सहायता की प्रतीक्षाफिलहाल राहत और बचाव का काम जारी है। प्रशासनिक अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। लेकिन यह हादसा एक बार फिर सवाल उठाता है कि क्या ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित ऐसी फैक्ट्रियों की सुरक्षा मानकों की नियमित जांच की जाती है या नहीं।
अमरोहा की पटाखा फैक्ट्री में हुआ यह विस्फोट एक बड़ी मानवीय त्रासदी है, जो लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का परिणाम प्रतीत होती है। जब तक ऐसी फैक्ट्रियों की नियमित जांच और सख्त निगरानी सुनिश्चित नहीं होती, तब तक मजदूरों की जान यूं ही जोखिम में पड़ती रहेगी। हादसे की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों को दंडित किया जाना आवश्यक है।