राजस्थान का खनन क्षेत्र नए युग की ओर, IIT हैदराबाद और IIT धनबाद के साथ बड़े समझौते होंगे साइन

जयपुर: प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 के अवसर पर राजस्थान का खनन क्षेत्र एक महत्वपूर्ण बदलाव की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इस दौरान खान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकांत ने जानकारी दी कि राज्य सरकार खनिज खोज और खनन गतिविधियों में अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (AI-ML) के इस्तेमाल को प्राथमिकता दे रही है। इसी कड़ी में दो बड़े समझौते (MoU) 10 दिसंबर को आयोजित सेक्टोरल सेशन में साइन किए जाएंगे, जो राजस्थान के खनन भविष्य की रूपरेखा तय करेंगे।

एआई-एमएल आधारित खनिज खोज में IIT हैदराबाद का योगदान

प्रमुख सचिव खनन टी. रविकांत ने बताया कि राज्य सरकारी उद्यम RSMET और IIT हैदराबाद के बीच होने वाला समझौता क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक खनिजों की वैज्ञानिक खोज को गति देगा। एआई-एमएल तकनीक के माध्यम से भूवैज्ञानिक, भूरासायनिक, भू-भौतिकीय, रिमोट सेंसिंग और सेटेलाइट इमेजरी का एकीकृत डाटा इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत 39 जिलों में नए खनिज क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। इस तकनीक से कॉपर, ग्रेफाइट, जिंक, लिथियम, कोबाल्ट, निकल और रेयर अर्थ एलिमेंट (REE) जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की खोज अधिक सटीक और तेज होगी। परियोजना लगभग 18 महीनों में चार चरणों में पूरी की जाएगी।

IIT धनबाद के साथ खदान डम्प्स और टेलिंग्स का वैज्ञानिक अध्ययन:

दूसरा प्रमुख समझौता RSMET और IIT ISM धनबाद के बीच होगा। इसके तहत राज्य में चिन्हित 80 खदान डम्प्स और टेलिंग्स का वैज्ञानिक मूल्यांकन किया जाएगा। यह एक वर्षीय परियोजना तीन चरणों में पूरी होगी, जिसमें जियो-रेफरेन्स्ड डेटाबेस तैयार करना, मैपिंग और सैंपलिंग, मिनरालॉजिकल एनालिसिस और उपलब्ध खनिज संसाधनों का आकलन शामिल है। इस अध्ययन से टंगस्टन, लिथियम, कोबाल्ट, निकल और REE जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की मात्रा और गुणवत्ता का पता चलेगा, जिससे भविष्य में खनन नीतियों और निवेश योजना में मदद मिलेगी।

तीन चरणों में पूरा होगा यह कार्य:

जियो-रेफरेन्स्ड डेटाबेस का निर्माण

मैपिंग और सैंपलिंग

मिनरालॉजिकल एनालिसिस और खनिज संसाधनों का मूल्यांकन

तकनीकी नवाचार को प्राथमिकता: मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री एवं खान मंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य में खनिज खोज और खनन गतिविधियों में तकनीक आधारित नवाचार को महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि AI-ML तकनीक राज्य को खनन क्षेत्र में नई मजबूती प्रदान करेगी। शोध और विकास पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इससे राजस्थान में एक उत्तरदायी और सतत खनन मॉडल विकसित होगा, जो आने वाले वर्षों में खनन रोडमैप को दिशा देगा।

क्रिटिकल मिनरल मिशन में राजस्थान की भूमिका

प्रमुख सचिव टी. रविकांत ने कहा कि भारत सरकार की ओर से घोषित 'क्रिटिकल मिनरल मिशन' में राजस्थान एक अग्रणी भागीदार राज्य है। देश में तेजी से बढ़ती खनिज आवश्यकताओं और भविष्य की रणनीतियों को देखते हुए यह मिशन अत्यंत महत्वपूर्ण है। राजस्थान में संभावित क्रिटिकल मिनरल्स के भंडार और इन समझौतों को राज्य के खनन विकास का बड़ा कदम माना जा रहा है।