प्रतापगढ़: जिले में आयोजित 'ऑपरेशन विश्वास' के तहत 53 आदिवासी मजदूरों को आजाद कराया गया है। जिला पुलिस अधीक्षक बी. आदित्य ने शुक्रवार देर रात लगभग 11:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि महाराष्ट्र के शोलापुर जिले में बंधक बनाए गए प्रतापगढ़ के 53 आदिवासी मजदूरों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। इनमें 13 महिलाएं और 40 पुरुष शामिल हैं।
एसपी ने बताया कि घण्टाली, पीपलखूंट और पारसोला थाना क्षेत्रों के आदिवासी महिला-पुरुषों को दलालों ने इंदौर में उच्च मजदूरी, मुफ्त भोजन और रहने की सुविधा का झांसा देकर फंसाया। करीब दो महीने पहले इन्हें महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के अकलूज थाना क्षेत्र स्थित जाबुड़ गांव ले जाया गया, जहां अलग-अलग जमींदारों के गन्ने के खेतों में जबरन काम पर लगाया गया। इस पूरे षड्यंत्र में महाराष्ट्र का सीताराम पाटिल और राजस्थान के अलवर निवासी खान नामक दलाल शामिल थे। इन दलालों ने जमींदारों से मजदूरी के नाम पर लाखों रुपए एडवांस में ले लिए, लेकिन मजदूरों को एक पैसा भी नहीं दिया गया।
मजदूरी की मांग करने पर मजदूरों के साथ मारपीट की गई, महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार हुआ और उन्हें फार्म हाउसों व बाड़ों में बंधक बनाकर रखा गया। इस मामले की सूचना मिलने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेन्द्र सिंह जोधा के मार्गदर्शन में थाना घण्टाली के उप निरीक्षक सोहनलाल के नेतृत्व में एक विशेष टीम महाराष्ट्र के लिए रवाना हुई।
पुलिस टीम ने विभिन्न स्थानों से सभी 53 बंधक मजदूरों को रेस्क्यू किया। रेस्क्यू के समय मजदूरों के पास न खाने का इंतजाम था और न ही वापस लौटने के लिए कोई साधन।
इस स्थिति में पुलिस ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की मदद से संसाधन जुटाए और सभी मजदूरों को सुरक्षित प्रतापगढ़ लाया। फिलहाल, सभी रेस्क्यू किए गए मजदूरों को उनके गांवों तक सुरक्षित पहुँचाने की प्रक्रिया जारी है। इस मामले में थाना घण्टाली पर प्रकरण दर्ज किया गया है और मानव तस्करी व बंधुआ मजदूरी में शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।