जयपुर: बढ़ती आबादी, उद्योग और पर्यटन के चलते राजधानी जयपुर की सड़कों पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सुबह और शाम के समय शहर के मुख्य मार्गों पर जाम लगना अब आम बात हो गई है। इस बढ़ते ट्रैफिक के चलते आम लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है और शहर के समग्र विकास में भी बाधा आ रही है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने जयपुर को ट्रैफिक सिग्नल फ्री बनाने के लिए एक कंसलटेंसी एजेंसी नियुक्त की है।
मास्टर प्लान तैयार होगा:नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि नियुक्त एजेंसी शहर के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर, ड्रेनेज, सीवरेज, सड़क क्षमता, गलियों की कनेक्टिविटी और अन्य शहरी सुविधाओं का व्यापक अध्ययन करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर नए प्रोजेक्ट्स, सिग्नल फ्री कॉरिडोर, अंडरपास-ओवरपास और सड़क विस्तार सहित अन्य जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि बढ़ती वाहनों की संख्या और सीमित सड़क क्षमता आज जयपुर की सबसे बड़ी समस्या है, जिसे योजनाबद्ध विकास और वैज्ञानिक अध्ययन से हल किया जा सकता है।
जाम की प्रमुख वजहें:वाहन पंजीकरण में अचानक वृद्धि
औद्योगिक क्षेत्रों में असंगठित पार्किंग
पर्यटन सीजन में दोगुना वाहन मूवमेंट
मुख्य सड़कों पर बड़ी आबादी का निर्भर रहना
सीमित सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं
ट्रैफिक लाइट फ्री जयपुर की दिशा में कदम:
वरिष्ठ आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया ने बताया कि शहर में बी-2 बायपास जैसे सफल सिग्नल-फ्री जंक्शन बनाए जा चुके हैं। उनका कहना है कि ट्रैफिक लाइट फ्री शहर का विज़न तैयार हो रहा है, जिसमें वाहन बिना रुके सुचारु रूप से चल सकेंगे। बरतरिया इस समय राजस्थान के प्रमुख प्रोजेक्ट ‘राजस्थान मंडपम’ और अन्य मेडिकल व शैक्षणिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम कर रहे हैं।
हेरिटेज और ट्रैफिक दोनों का संतुलन जरूरी:
बरतरिया ने जोर दिया कि जयपुर का विकास सिर्फ ट्रैफिक या आधुनिकता तक सीमित नहीं होना चाहिए। शहर की असली पहचान उसकी हेरिटेज, कला और वास्तुकला है। उन्होंने सुझाव दिया कि हेरिटेज जोन में विकास कार्य पारंपरिक शैली में हों, मूल वास्तुकला संरक्षित रहे और जयपुर की धरोहरों का विश्व स्तर पर प्रचार बढ़ाया जाए।
सुगम यातायात के लिए तैयारी:कंसलटेंसी एजेंसी की डीपीआर शहर के भविष्य की दिशा तय करेगी। इसके आधार पर सिग्नल-फ्री कॉरिडोर, रिंग रोड कनेक्टिविटी, बेहतर पार्किंग सिस्टम, मल्टी-लेवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट और नए शहरी मॉडल विकसित किए जाएंगे। यह पहल जयपुर को आधुनिक, व्यवस्थित और विश्व स्तरीय शहर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। आने वाले वर्षों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि शहर बढ़ते ट्रैफिक दबाव से कैसे राहत पाता है और अपनी हेरिटेज पहचान को संरक्षित रखते हुए आधुनिक विकास की ओर कैसे बढ़ता है।