गोवर्धन में नया साल मनाएंगे सीएम भजनलाल शर्मा, पैदल परिक्रमा कर करेंगे प्रदेश की सुख-समृद्धि की प्रार्थना

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए वर्ष 2025 जिम्मेदारियों, चुनौतियों और लगातार सक्रियता से भरा रहा। पूरे साल शासन और प्रशासन से जुड़ी अहम बैठकों, संगठनात्मक कार्यक्रमों और प्रदेशभर के तेज़ रफ्तार दौरों में व्यस्त रहने के बाद मुख्यमंत्री ने नए वर्ष की शुरुआत आध्यात्मिक माहौल में करने का निर्णय लिया है। नववर्ष की मंगलकामना और प्रदेश की सुख-समृद्धि के लिए उन्होंने अपनी आस्था की भूमि ‘गिरिराज गोवर्धन’ को चुना है।

पूंछरी का लौठा में रात्रि विश्राम, भक्त की तरह करेंगे परिक्रमा

बुधवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ब्रज क्षेत्र के पूंछरी का लौठा पहुंचेंगे, जहां वे स्थानीय धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे और वहीं रात्रि विश्राम भी करेंगे। इसके बाद वर्ष 2026 की पहली सुबह मुख्यमंत्री एक आम श्रद्धालु की तरह गिरिराज गोवर्धन महाराज की पैदल परिक्रमा करेंगे। परिक्रमा के दौरान वे ब्रज की पवित्र रज को मस्तक पर धारण कर प्रदेशवासियों की खुशहाली, शांति और समृद्धि की प्रार्थना करेंगे।

श्रीनाथजी मंदिर में भी करेंगे दर्शन

गोवर्धन परिक्रमा के पश्चात मुख्यमंत्री पूंछरी का लौठा स्थित श्रीनाथजी मंदिर में भी शीश नवाएंगे और विधिवत पूजा-अर्चना करेंगे। धार्मिक अनुष्ठानों के उपरांत 1 जनवरी 2026 को नववर्ष के दिन मुख्यमंत्री सुबह 10 बजे पूंछरी का लौठा से प्रस्थान करेंगे और करीब 10 बजकर 10 मिनट पर जयपुर के लिए रवाना होंगे।

भारत की वैश्विक साख और ‘विकसित राजस्थान’ के लिए होगी विशेष प्रार्थना

इस आध्यात्मिक यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा और ‘विकसित राजस्थान’ के संकल्प की सिद्धि के लिए विशेष प्रार्थना करेंगे। इस दौरे की खास बात यह होगी कि मुख्यमंत्री धार्मिक परंपराओं का पूरी निष्ठा से पालन करते हुए श्रद्धालुओं के साथ स्वयं को जोड़ेंगे और गोवर्धन की पैदल परिक्रमा कर अपनी आस्था प्रकट करेंगे।

परिवार भी निभा चुका है गोवर्धन परिक्रमा की परंपरा

गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पत्नी गीता शर्मा और पुत्र आशीष शर्मा भी गोवर्धन में गिरिराज महाराज की सप्तकोसीय दंडवत परिक्रमा कर चुके हैं। लगभग 21 किलोमीटर लंबी इस परिक्रमा के बाद उन्होंने श्रीनाथजी के दर्शन किए और पूजा-पाठ की विधियां संपन्न की थीं। अब स्वयं मुख्यमंत्री का गोवर्धन पहुंचकर नववर्ष का स्वागत करना उनके गहरे धार्मिक विश्वास और परंपराओं से जुड़ाव को दर्शाता है।