प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा का बयान— अरावली के एक भी पत्थर से नहीं होगा खिलवाड़

अरावली पर्वतमाला से जुड़े खनन नियमों पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद राजस्थान समेत चार राज्यों में अरावली संरक्षण को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार पर लगातार हमलावर है और जनआंदोलन का रूप देने की कोशिश कर रही है। वहीं कांग्रेस के आरोपों और विरोध प्रदर्शनों के बीच भाजपा ने भी मोर्चा संभाल लिया है। इसी क्रम में मंगलवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा और कैलाश वर्मा ने कांग्रेस के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भाजपा सरकार की नीयत और नीति दोनों साफ हैं और अरावली का एक भी पत्थर नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।

प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति का पुराना तरीका रहा है—तुष्टीकरण और भ्रम फैलाना। जनता को गुमराह करना कांग्रेस की आदत बन चुकी है। भाजपा सरकार का उद्देश्य पूरी तरह स्पष्ट है कि अरावली के संरक्षित क्षेत्र की स्पष्ट परिभाषा तय की जाए और अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। सरकार इस दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रही है।

“अरावली का एक भी पत्थर सुरक्षित रहेगा”

रामलाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने पहले सीएए कानून को लेकर भ्रम फैलाया, फिर एसआईआर के नाम पर लोगों को गुमराह किया और अब अरावली के मुद्दे पर झूठी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डोटासरा और कांग्रेस के अन्य नेता तथ्यों को नजरअंदाज कर जनता में डर और भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राजस्थान की भजनलाल सरकार अरावली के संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जब तक अरावली क्षेत्र की स्पष्ट वैज्ञानिक और कानूनी परिभाषा के आधार पर कोई ठोस योजना नहीं बन जाती, तब तक किसी भी तरह का नया खनन पट्टा जारी नहीं किया जाएगा।

कांग्रेस के दौर में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान

रामलाल शर्मा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि वर्ष 2002 में जब अरावली क्षेत्र की परिभाषा तय की गई थी, उस समय कांग्रेस की ही सरकार थी और उसी दौर में सबसे ज्यादा खनन पट्टे जारी किए गए। 100 मीटर वाला नियम भी कांग्रेस सरकार की देन है। आज वही कांग्रेस खुद अपने किए को स्वीकार भी कर रही है और साथ ही भाजपा पर बेबुनियाद आरोप लगाकर जनता को भ्रमित कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस ने कभी पर्यावरण संरक्षण के लिए कोई बड़ा अभियान चलाया? भाजपा ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे अभियान चलाकर 750 एकड़ में वृक्षारोपण किया, कांग्रेस एक भी ठोस उदाहरण पेश नहीं कर सकती।

अवैध खनन पर कार्रवाई के आंकड़े गिनाए

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कांग्रेस के आंकड़ों को भ्रामक बताते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में भाजपा सरकार ने अवैध खनन के खिलाफ सख्त और प्रभावी कार्रवाई की है। इस अवधि में 20,526 प्रकरण दर्ज किए गए, 211.26 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया, 2,228 एफआईआर दर्ज हुईं और 1,175 लोगों की गिरफ्तारियां की गईं। इसके अलावा 19,744 वाहन और मशीनें जब्त की गईं। केवल अरावली क्षेत्र में ही दो वर्षों में 10,966 मामले दर्ज कर 136.78 करोड़ रुपये की वसूली की गई, 1,002 एफआईआर दर्ज हुईं, 10,616 वाहन जब्त किए गए और 300 लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े कांग्रेस के झूठे दावों की पोल खोलने के लिए काफी हैं।

कांग्रेस को समझ ही नहीं अरावली की परिभाषा: कैलाश वर्मा

भाजपा प्रवक्ता कैलाश वर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को खुद यह नहीं पता कि अरावली हिल्स की वास्तविक परिभाषा क्या है। जो मामला न्यायालय में विचाराधीन है, उस पर वन एवं पर्यावरण मंत्री और मुख्यमंत्री पहले ही स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। इसके बावजूद कांग्रेस नेता जानबूझकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए जनता को भ्रमित कर रही है, लेकिन प्रदेश की जनता अब इनके हथकंडों को अच्छी तरह समझ चुकी है।

कैलाश वर्मा ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं को इस बात का दर्द है कि भाजपा ने योजनाओं को सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मूल्यों से जोड़ा है। भाजपा ने ‘राम जी’ के नाम से योजनाएं शुरू कीं, जबकि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में योजनाओं के नाम एक ही परिवार के इर्द-गिर्द रखे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस ने आयुष्मान भारत का नाम बदलकर चिरंजीवी, अन्नपूर्णा योजना को इंदिरा रसोई और जल स्वावलंबन योजना को राजीव गांधी के नाम पर रखा।

उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा की भाषा पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ‘संगठित गिरोह’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल अमर्यादित है। अंत में उन्होंने प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाया कि भाजपा की भजनलाल सरकार प्रकृति संरक्षण के प्रति पूरी तरह गंभीर है और अरावली पर्वतमाला पूरी तरह सुरक्षित है।