
राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में सोनम और राज के अलावा अब मेघालय पुलिस ने उन लोगों पर भी शिकंजा कसा है, जो राज्य के निवासियों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने साफ किया है कि यह हत्या राज्य के किसी स्थानीय व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत की गई थी, जिसमें सोनम और उसके साथी मुख्य साजिशकर्ता थे।
क्या है पूरा मामला?23 मई को इंदौर निवासी राजा रघुवंशी और सोनम मेघालय के दौरे पर पहुंचे थे, जिसके बाद राजा अचानक लापता हो गया। शुरुआत में सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि राजा के साथ स्थानीय लोगों ने अपराध किया है और यह मेघालय के पर्यटक-अनुकूल वातावरण पर सवाल खड़े करता है। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, यह सामने आया कि यह मामला एक ‘लव ट्राएंगल’ और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग से जुड़ा है।
झूठे प्रचार पर पुलिस का एक्शनईस्ट खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक विवेक सिम ने बताया कि कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर राज्य के स्थानीय निवासियों के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक टिप्पणियां कीं। इनमें कुछ ने यह तक कहा कि बाहर रहने वाले मेघालय के लोगों को सबक सिखाना चाहिए। इस आधार पर मेघालय पुलिस ने ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की है। साथ ही उन लोगों पर भी कार्रवाई की जा रही है जिन्होंने सोशल मीडिया पर राज्य की छवि को धूमिल करने वाला झूठा प्रचार फैलाया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और राज्य की छवि की रक्षामेघालय के पर्यटन मंत्री पॉल लिंगदोह ने इसे राज्य की प्रतिष्ठा पर हमला बताते हुए कहा कि यह मामला पूरी तरह से प्रेम-संबंधों से जुड़ा था, जिसमें हत्या को अंजाम देने के लिए पेशेवर अपराधियों की मदद ली गई। उन्होंने राष्ट्रीय मीडिया के एक वर्ग को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पिछले कई दिनों से चल रही ‘मीडिया ट्रायल’ ने मेघालय के लोगों को गलत तरीके से अपराधी बताया, जबकि सच्चाई इससे एकदम उलट है।
उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसॉन्ग ने भी मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सोशल मीडिया और राष्ट्रीय मीडिया में चल रहे अपमानजनक बयानों से राज्य सरकार और जनता आहत हुई है। उन्होंने कहा, “हम पहले ही साबित कर चुके हैं कि मेघालय सुरक्षित है और हमारी पुलिस फोर्स देश की बेहतरीन फोर्सेज़ में से एक है।”
‘ऑपरेशन हनीमून’ के नाम से चल रही है जांचपुलिस इस मामले की जांच ‘ऑपरेशन हनीमून’ नाम से कर रही है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश तक छापेमारी की गई और सोनम समेत उसके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया।
यह मामला अब केवल एक हत्या की जांच नहीं रह गया है, बल्कि इसमें राज्य की प्रतिष्ठा, सांप्रदायिक सौहार्द और सोशल मीडिया के ज़रिये फैलाए गए झूठे प्रचार जैसे गंभीर मसले भी शामिल हो चुके हैं। मेघालय पुलिस की सख्त कार्रवाई यह संकेत देती है कि राज्य अब अपनी छवि खराब करने वालों को बख्शने के मूड में नहीं है।