महाराष्ट्र में 2 दिसंबर को होने वाले नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव से महज पांच दिन पहले सत्ताधारी महायुति गठबंधन में उठापटक तेज़ हो गई है। गठबंधन के दो प्रमुख सहयोगी—भाजपा और शिंदे गुट की शिवसेना—एक-दूसरे पर खुलेआम आरोप लगा रहे हैं। इस विवाद की जंग अब राणे परिवार तक पहुँच चुकी है, जिससे राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है।
नीलेश राणे का स्टिंग: BJP कार्यकर्ता के घर से कैश मिलने का दावाशिवसेना विधायक नीलेश राणे ने बुधवार को दावा किया कि सिंधुदुर्ग जिले के मालवन में भाजपा कार्यकर्ता विजय केनवडकर के घर से वोटरों में बांटने के लिए रखे गए पैसे के बैग मिले। नीलेश ने कहा कि यह स्टिंग ऑपरेशन उन्होंने स्वयं किया और इसके वीडियो सोशल मीडिया पर भी साझा किए हैं।
नीलेश ने मीडिया से कहा कि यह सिर्फ एक घर का मामला नहीं है। उनके अनुसार ऐसे 8-10 और घरों में भी नकदी रखी गई थी। उन्होंने इसे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण के हालिया कोंकण दौरे से जोड़ते हुए आरोप लगाया कि यह पैसा उनके दौरे के तुरंत बाद मिला।
हालांकि, भाजपा कार्यकर्ता विजय केनवडकर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके घर में रखा पैसा उनके व्यवसाय से जुड़ा है और चुनाव से इसका कोई लेना-देना नहीं है। नीलेश राणे 2024 लोकसभा चुनाव से पहले उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हुए थे।
नितेश राणे की सफाई: निजी जीवन और कारोबार में हस्तक्षेप नहींमामला गर्माते देख केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद नारायण राणे के बेटे तथा राज्य कैबिनेट मंत्री नितेश राणे ने मोर्चा संभाला। नितेश ने अपने बड़े भाई नीलेश पर पलटवार करते हुए कहा कि राजनीतिक लोग होते हुए भी निजी जीवन और व्यवसाय चलता है। उन्होंने कहा कि विजय भाजपा कार्यकर्ता होने के साथ-साथ व्यापारी भी हैं। उनके घर नकदी होना कोई अपराध नहीं।
नितेश ने कहा, हमाम में सब नंगे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण पर आधारहीन आरोप लगाकर शिवसेना गंदी राजनीति कर रही है। यदि सिर्फ चव्हाण कोंकण आए तो पैसा लाया गया, तो हम भी पूछ सकते हैं कि शिवसेना के मंत्री उदय सामंत क्यों आए थे। उन्होंने चुनावी नैतिकता पर जोर देते हुए कहा कि भाजपा को पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम देवेंद्र फडणवीस जैसे नेताओं का भरोसा हासिल है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सवाल उठाया कि नीलेश राणे किसी के घर में जाकर स्टिंग क्यों दिखा रहे हैं। मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने भी आरोपों को निराधार बताया।
दूसरा मोर्चा: दल बदलने के लिए 50 करोड़ का आरोपइसी बीच भाजपा विधायक तानाजी मुटकुले ने आरोप लगाया कि शिवसेना MLA संतोष बांगर ने 2022 में शिंदे गुट में शामिल होने के लिए 50 करोड़ रुपये की मांग की थी। संतोष बांगर ने पलटवार करते हुए मुटकुले पर यौन उत्पीड़न और पार्टी पर कलंक लगाने का आरोप लगाया।
शिवसेना एमएलसी हेमंत पाटिल ने दावा किया कि हिंगोली जिले में संतोष बांगर के घर पर सुबह-सुबह पुलिस छापेमारी भाजपा के दबाव में हुई। उन्होंने इसे डराने-धमकाने की राजनीति करार दिया।
चुनाव की पृष्ठभूमि और गठबंधन की खटपट
महाराष्ट्र में 2 दिसंबर को 236 नगर पंचायतों और 27 नगर परिषदों के लिए मतदान होना है। महायुति गठबंधन में शामिल शिवसेना, भाजपा और एनसीपी (अजित पवार) के बीच सीट बंटवारे को लेकर पहले से ही खटपट चल रही थी। अब सार्वजनिक आरोप-प्रत्यारोप गठबंधन के लिए नई चुनौती बन गए हैं। चुनाव आयोग ने अभी तक इस पूरे प्रकरण पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है।