RBI की सख्त कार्रवाई: 6 NBFC के लाइसेंस रद्द, 4 कंपनियों ने खुद किया सरेंडर, अब नहीं कर सकेंगी वित्तीय कारोबार

भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFCs) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं, जबकि 4 अन्य कंपनियों ने खुद ही अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र (Certificate of Registration - CoR) सरेंडर कर दिए हैं। यह कार्रवाई आरबीआई अधिनियम की धारा 45IA(6) के तहत की गई है, जिससे ये संस्थान अब वित्तीय कारोबार नहीं कर पाएंगे।

भारतीय रिज़र्व बैंक लगातार यह सुनिश्चित करने की कोशिश में जुटा है कि देश में संचालित सभी एनबीएफसी वित्तीय नियमों और मानकों का कड़ाई से पालन करें। इसी क्रम में 12 जून 2025 को आरबीआई ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा की 6 कंपनियों के पंजीकरण रद्द कर दिए हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र और तमिलनाडु की 4 कंपनियों ने खुद ही एनबीएफसी कारोबार से हटते हुए अपने प्रमाणपत्र वापस कर दिए।

जिन कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए:

1. अधिकार माइक्रोफाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, भुवनेश्वर, ओडिशा

लाइसेंस: 22 अक्टूबर 2013

रद्द आदेश: 22 मई 2025

2. वोफिन लीजिंग एंड फाइनेंस प्रा. लि., बोबाजार, कोलकाता

लाइसेंस: 23 मई 2008

3. आउट्रम प्रॉपर्टीज प्रा. लि., कोलकाता

4. एससीएम होल्डिंग्स प्रा. लि., कोलकाता

5. कलश व्यापार प्रा. लि., कोलकाता

6. एवरेस्ट विनिमय प्रा. लि., कोलकाता

इन सभी का लाइसेंस आरबीआई ने 16 मई 2025 को रद्द कर दिया था।

जिन कंपनियों ने स्वयं सरेंडर किया लाइसेंस

1. बेन्को फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट प्रा. लि., मुंबई, महाराष्ट्र

2. पमनानी कैपिटल प्रा. लि., मुंबई — एनबीएफसी कारोबार से बाहर निकलने के निर्णय के चलते

3. पैरी इन्वेस्टमेंट लिमिटेड, तमिलनाडु

4. सिनर्जी सिंथेटिक्स प्रा. लि., महाराष्ट्र

आरबीआई की स्पष्ट नीति

आरबीआई ने अपने बयान में यह साफ किया कि किसी भी एनबीएफसी को पंजीकरण तभी दिया जाता है जब वह वित्तीय रूप से मजबूत हो, नियमों का पालन कर रही हो और निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करती हो। अगर कोई कंपनी इस कसौटी पर खरी नहीं उतरती तो उसे बाजार से बाहर कर दिया जाएगा।

इस कार्रवाई से यह संकेत साफ है कि आरबीआई गैर-जिम्मेदार या नियमों की अनदेखी करने वाले वित्तीय संस्थानों के खिलाफ बेहद गंभीर है। निवेशकों को भी अब पहले से अधिक सतर्क रहने की जरूरत है कि वे सिर्फ उसी संस्था से जुड़ें जो आरबीआई के पंजीकरण और नियमों के दायरे में काम कर रही हो।