
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 2025 का रिजल्ट शनिवार को जारी हो गया है, जिससे लाखों मेडिकल उम्मीदवारों की धड़कनें तेज हो गई हैं। इसके साथ ही देश के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया की आधिकारिक शुरुआत हो जाएगी, जिसको लेकर अब अभ्यर्थियों के साथ ही अभिभावकों ने भी कटऑफ, स्कोर और रैंक का पूरा गुणा-गणित लगाना शुरू कर दिया है। आइए इसी कड़ी में विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं कि इस बार कटऑफ का संभावित हाल क्या रहने वाला है, और कितनी रैंक या स्कोर पर AIIMS दिल्ली जैसी टॉप मेडिकल संस्थान में MBBS सीटों में दाखिला मिल सकता है? AIIMS दिल्ली देश का सर्वोच्च मेडिकल कॉलेज माना जाता है, जहां पर सबसे मेधावी छात्रों को सीमित सीटों में एडमिशन मिलता है।
पहले जानिए AIIMS दिल्ली में MBBS की कुल कितनी सीटें हैं:AIIMS दिल्ली में MBBS कोर्स के लिए कुल 132 सीटें निर्धारित हैं। इन 132 सीटों में 55 सीटें अनारक्षित यानी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए हैं, जबकि भारत सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार 32 सीटें ओबीसी, 18 सीटें अनुसूचित जाति (SC), 9 अनुसूचित जनजाति (ST), 11 सीटें सामान्य ईडब्ल्यूएस (EWS) और 7 सीटें विदेशी नागरिकों के लिए आरक्षित हैं।
पिछले साल का एडमिशन ट्रेंड क्या कहता है:AIIMS दिल्ली में दाखिले की संभावनाएं जानने के लिए हमें पिछले साल का रुझान देखना होगा। NEET UG 2024 में कुल 17 छात्रों ने ऑल इंडिया लेवल पर टॉप किया था, और सभी को 720 में से पूरे 720 नंबर प्राप्त हुए थे। AIIMS दिल्ली में सीमित सीटों के कारण पिछले साल सामान्य वर्ग के छात्रों को 720 में से 715 नंबर लाने पर एडमिशन मिला था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यहां प्रतिस्पर्द्धा बेहद कठिन होती है।
NEET UG 2025: इस बार क्या हो सकता है एडमिशन का गणित?NEET UG 2025 रिजल्ट के विश्लेषण के अनुसार, इस साल टॉपर को 686 नंबर और सेकंड टॉपर को 682 नंबर मिले हैं। इस डेटा और AIIMS दिल्ली की कुल सीटों को आधार बनाते हुए मेडिकल कोचिंग संस्थानों के विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार 650-660 नंबर लाने वाले अभ्यर्थियों को AIIMS दिल्ली में दाखिला मिलने की संभावना प्रबल है। आकाश इंस्टीट्यूट के नेशनल डायरेक्टर (मेडिकल) नवीन कार्की का कहना है कि हालांकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन 660 नंबर पाने वाले कैंडिडेट्स का दाखिला लगभग तय माना जा सकता है।
कटऑफ में गिरावट और बढ़ती प्रतिस्पर्धा:कई एक्सपर्ट्स यह भी कह रहे हैं कि इस बार NEET कटऑफ में गिरावट के कारण मेडिकल एडमिशन प्रक्रिया में खासा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। AIIMS दिल्ली जैसे संस्थानों में सीट पाने के लिए एक-एक अंक भी निर्णायक साबित हो सकता है। ऐसे में छात्रों को अपनी रैंक, कटऑफ और विकल्पों का गहन विश्लेषण कर रणनीति बनानी होगी।