
आने वाले समय में दिल्ली में प्रवेश किए बिना ही हरियाणा, देहरादून और नोएडा के बीच यात्रा करना संभव होगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ को कम करने के लिए 24,000 करोड़ रुपये की नई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनके लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार कर ली गई हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अब तक कुल 1.25 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं दी हैं। यह घोषणा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में की गई, जिसमें उपराज्यपाल वी के सक्सेना, केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, दिल्ली के कैबिनेट मंत्री, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, मनोज तिवारी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी मौजूद थे।
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि ये परियोजनाएं दिल्ली और हरियाणा के बीच ट्रैफिक की समस्या को काफी हद तक कम करेंगी। वर्तमान में दिल्ली में लगभग 35,000 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं चल रही हैं, जबकि 64,000 करोड़ की परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। आने वाले समय में 24,000 करोड़ की इन नई परियोजनाओं से दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने और ट्रैफिक के सुचारू संचालन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नितिन गडकरी का धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने दिल्ली में ट्रैफिक जाम कम करने और इसे प्रदूषण मुक्त शहर बनाने में मदद की।
इन नई परियोजनाओं में शिव मूर्ति से नेल्सन मंडेला रोड तक लगभग 7 किलोमीटर लंबा अंडरपास बनाना शामिल है। इसके साथ ही आईएनए से हवाई अड्डे तक एक एलिवेटेड रोड का निर्माण होगा, जो बाद में फरीदाबाद और गुरुग्राम से जुड़ जाएगा। दिल्ली को कटरा और अमृतसर से जोड़ने वाला एक राजमार्ग भी विकसित किया जाएगा, जो शहरी विस्तार सड़क (यूईआर)-II से जुड़ा होगा। यूईआर-II का दूसरा विस्तार भी अलीपुर को ट्रोनिका सिटी और दिल्ली-देहरादून मार्ग से जोड़ेगा। अधिकारियों ने बताया कि इन मार्गों के पूरा होने से दिल्ली में प्रवेश किए बिना ही हरियाणा, देहरादून और नोएडा के बीच निर्बाध यात्रा संभव होगी।
सीएम ने कहा कि सराय काले खां से आईजीआई हवाई अड्डे तक सुरंग बनाने की स्टडी भी चल रही है। उन्होंने दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने के लिए अनेक पहल की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) वर्तमान में दिल्ली में 35000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है, जबकि 64000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार प्रमुख पूर्ण सड़क परियोजनाओं में 135 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (12000 करोड़), धौला कुआं-गुरुग्राम कॉरिडोर (373 करोड़), गुरुग्राम-सोहना रोड (2009 करोड़), दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर (2205 करोड़) और अक्षरधाम से ईपीई जंक्शन तक 32 किलोमीटर लंबा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (3500 करोड़) शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त कई अन्य परियोजनाएं पूरी होने के करीब हैं, जैसे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (92% कार्य पूरा), द्वारका एक्सप्रेसवे (98%), यूईआर-II (95%) और डीएनडी इंटरचेंज-कालिंदी कुंज-फरीदाबाद-सोहना-जेवर एयरपोर्ट लिंक रोड (93%)। रोहतक रोड, पंजाबी बाग से नांगलोई, आश्रम से बदरपुर और एमजी रोड जैसी प्रमुख सड़कें भी एनएचएआई को सौंप दी गई हैं।
सीएम गुप्ता ने बताया कि पहले ये काम कई अलग-अलग एजेंसियों द्वारा किए जाते थे, जिससे जलभराव और नालियों के संपर्क की समस्या होती थी, लेकिन अब एनएचएआई और दिल्ली लोक निर्माण विभाग के सहयोग से इस समस्या का समाधान किया जाएगा। रेलवे क्रॉसिंग के कारण होने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए रोड अंडर ब्रिज (RUB) और रोड ओवर ब्रिज (ROB) के निर्माण हेतु 150 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने के लिए कुल 1.25 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की हैं और वह केंद्र को इस सहयोग के लिए धन्यवाद देती हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य की सभी सड़क परियोजनाओं में वेस्ट मटेरियल का अधिकतम उपयोग किया जाएगा, जिससे लैंडफिल साइटों पर बोझ कम होगा और कचरे को संसाधनों में बदला जा सकेगा।