रेलवे के तत्काल टिकट नियमों में बड़ा बदलाव, 15 जुलाई से काउंटर पर टिकट बुकिंग के लिए OTP अनिवार्य, एजेंट्स पर भी सख्ती

भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग सिस्टम में लंबे समय से चल रही धांधली को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। 15 जुलाई 2025 से यह नया सिस्टम लागू किया जाएगा, जिसमें काउंटर और एजेंट दोनों के लिए सख्त नियम तय किए गए हैं। यात्रियों को अब तत्काल टिकट लेते समय मोबाइल ओटीपी के ज़रिए पहचान सत्यापित करनी होगी। यह व्यवस्था रेलवे के डिजिटल और पारदर्शी प्रणाली की ओर एक ठोस कदम मानी जा रही है।

अब काउंटर से तत्काल टिकट बुकिंग के लिए OTP जरूरी

रेलवे द्वारा घोषित नए नियमों के तहत अब अगर कोई यात्री स्टेशन पर जाकर तत्काल टिकट लेना चाहता है, तो उसके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। टिकट केवल तभी बुक की जाएगी जब उक्त ओटीपी को सिस्टम में सही ढंग से फीड किया जाएगा। यह व्यवस्था 15 जुलाई 2025 से पूरे देश के रेलवे स्टेशनों पर लागू कर दी जाएगी।

इस कदम का उद्देश्य फर्जी बुकिंग और दलालों की पकड़ को कमजोर करना है, जो यात्रियों के मोबाइल नंबरों का गलत इस्तेमाल कर टिकट निकालते थे।

एजेंट अब तत्काल विंडो खुलने के 30 मिनट बाद ही टिकट बुक कर सकेंगे

रेलवे ने एजेंट्स पर भी लगाम कसने की योजना बनाई है। अब कोई भी रेलवे एजेंट तत्काल टिकट बुकिंग विंडो खुलने के 30 मिनट बाद ही टिकट बुक कर पाएगा।

उदाहरण के लिए:

एसी क्लास की तत्काल बुकिंग विंडो सुबह 10 बजे खुलती है, तो एजेंट 10:30 बजे से ही टिकट बुक कर सकेंगे।

नॉन-एसी क्लास की विंडो सुबह 11 बजे खुलती है, तो एजेंट 11:30 बजे से टिकट बुक कर पाएंगे।

इस अवधि में केवल आम यात्री ही टिकट बुक कर सकते हैं, जिससे आम यात्रियों को प्राथमिकता मिलेगी।

ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए भी आधार अनिवार्य

नई व्यवस्था के तहत ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक करते समय आधार ऑथेंटिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। यात्रियों को IRCTC पर लॉगिन करते समय अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर के जरिए ही पहचान सत्यापित करनी होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि टिकट उसी व्यक्ति के लिए बुक हो रहा है जो यात्रा करने वाला है।

रेलवे का मकसद: पारदर्शिता और आम यात्रियों को प्राथमिकता

रेलवे की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, इन बदलावों का उद्देश्य तत्काल टिकट बुकिंग में पारदर्शिता लाना और दलालों के नेटवर्क को समाप्त करना है। वर्षों से यात्रियों की शिकायत रही है कि तत्काल टिकट बुकिंग खुलते ही मिनटों में खत्म हो जाती है, और एजेंटों के पास टिकट पहले से उपलब्ध होते हैं।

अब नए नियमों के साथ आम यात्रियों को बेहतर मौका मिलेगा, और टिकट प्रणाली पहले से कहीं अधिक सुरक्षित व निष्पक्ष हो सकेगी।

रेलवे का यह कदम टिकट बुकिंग प्रणाली को अधिक निष्पक्ष, पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक स्वागत योग्य पहल है। 15 जुलाई के बाद यात्रियों को टिकट बुकिंग के लिए खुद को सही तरीके से मोबाइल और आधार से सत्यापित करना होगा। इससे टिकट की कालाबाजारी और फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी। यात्री पहले से योजना बनाकर और आवश्यक दस्तावेजों के साथ रेलवे स्टेशन जाएं, ताकि आखिरी वक्त में कोई असुविधा न हो।