'PoK के अस्तित्व के जिम्मेदार पंडित नेहरू हैं', संसद में गरजे अमित शाह

संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर हुई चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला और ऐतिहासिक फैसलों की पुनरावृत्ति करते हुए कई अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने 1948 की घटनाओं का हवाला देते हुए पंडित नेहरू के फैसलों पर सवाल खड़े किए। शाह ने कहा कि उस समय, सरदार वल्लभभाई पटेल की असहमति के बावजूद नेहरू कश्मीर का मामला संयुक्त राष्ट्र ले गए, जिसने आज तक देश को पीओके की समस्या में उलझाकर रखा है।

इतिहास की भूलों की कड़ी में पीओके भी

अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का अस्तित्व अगर आज भी बना हुआ है, तो इसका बड़ा कारण पंडित नेहरू द्वारा लिए गए गलत निर्णय हैं। उन्होंने कहा कि जब पूरा देश और खासतौर पर सरदार पटेल इसके खिलाफ थे, तब भी नेहरू ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर को ले जाकर भारत की स्थिति को कमजोर किया। उन्होंने कहा कि यह वह गलती थी जिसने दशकों तक भारत को खामियाजा भुगतने के लिए मजबूर किया।

इंदिरा गांधी की विजय, पर अधूरी कूटनीति

1971 के युद्ध को याद करते हुए अमित शाह ने कहा कि इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बाँट दिया, जिसे देश आज भी गौरव से देखता है। लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि शिमला समझौते के समय पीओके को भारत में विलय करने की रणनीतिक चूक हो गई। उस समय भारत के पास न केवल लगभग 15,000 वर्ग किलोमीटर पाकिस्तानी भूमि थी, बल्कि 93,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक भारत की कैद में थे। फिर भी भारत ने यह सब पाकिस्तान को लौटा दिया, जबकि पीओके को लेकर कोई ठोस मांग नहीं की गई।

‘न बांस रहता, न बजती बांसुरी’

शाह ने तीखे शब्दों में कहा, अगर उस वक्त हमने पीओके की मांग की होती, तो आज की स्थिति बिल्कुल अलग होती। उस समय की चूक के कारण आज भी हम सीमा पार से आतंकवाद और सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। अगर पीओके उस समय भारत के अधीन आ गया होता, तो न बांस बचता, न बजती बांसुरी।

मोदी सरकार का मज़बूत रुख

अपने संबोधन में अमित शाह ने मौजूदा सरकार की आतंकवाद-रोधी नीति की तुलना पिछली सरकारों से करते हुए कहा कि यह 'डॉ. मनमोहन सिंह जैसी कमजोर सरकार' नहीं है। यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, जो जवाबी कार्रवाई में किसी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं दिखाती। उन्होंने पुलवामा हमले और ऊरी हमले के बाद की गई एयरस्ट्राइक्स का उल्लेख करते हुए कहा कि इस बार हमारी सेनाएं 100 किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकियों को मार कर लौटी हैं।

सरदार पटेल की अनसुनी चेतावनी

अमित शाह ने यह भी कहा कि कश्मीर मुद्दे पर सरदार पटेल ने जो आगाह किया था, उसे नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल कश्मीर को लेकर जिस सतर्कता की बात कर रहे थे, अगर उस पर अमल होता, तो शायद आज पीओके जैसा मसला ही खड़ा न होता। उन्होंने दोहराया कि पीओके की मौजूदा स्थिति सिर्फ एक भूभाग नहीं, बल्कि ऐतिहासिक गलतियों की परिणति है, जिसे अब सुधारने की आवश्यकता है।