बिहार चुनाव 2025: समर्थकों से मांगी माफी..., NDA में सीट बंटवारे पर छलका उपेंद्र कुशवाहा का दर्द, बोले – 'कई घरों में खाना नहीं बना होगा'

बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल अपने चरम पर है, और एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीट बंटवारे की तस्वीर अब साफ हो चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू और बीजेपी ने 243 सीटों में से 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। वहीं चिराग पासवान की पार्टी को 29 सीटें, और उपेंद्र कुशवाहा व जीतन राम मांझी को मात्र 6-6 सीटें दी गई हैं। कम सीटें मिलने से नाराजगी का भाव दोनों नेताओं के चेहरों पर साफ झलक रहा है।

इसी बीच, राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के नाम एक भावनात्मक संदेश जारी किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा— “प्रिय साथियों, मैं आप सभी से क्षमा चाहता हूं। आपके मन के अनुसार सीटों की संख्या तय नहीं हो सकी। मैं समझ सकता हूं कि इस निर्णय से हजारों कार्यकर्ताओं और उम्मीदवार बनने की इच्छा रखने वाले साथियों का मन आहत हुआ है। संभव है, आज कई घरों में खाना भी नहीं बना होगा। लेकिन आप सब मेरी और पार्टी की सीमाओं और विवशताओं को जरूर समझेंगे।”

“कुछ बातें बाहर से नहीं दिखतीं” — कुशवाहा का इशारा

अपने संदेश में कुशवाहा ने आगे लिखा, “हर निर्णय के पीछे कुछ ऐसी परिस्थितियाँ होती हैं जो सबको दिखाई देती हैं, परंतु कुछ ऐसी भी होती हैं जो बाहर से नजर नहीं आतीं। मुझे मालूम है कि इस फैसले से कई लोगों के मन में मेरे प्रति गुस्सा या निराशा है, और यह स्वाभाविक भी है। मेरा आप सबसे निवेदन है कि अपने गुस्से को शांत होने दें। जब समय बीतेगा, तब आप खुद महसूस करेंगे कि यह निर्णय कितना सही था या गलत।”

उनका यह बयान न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए संदेश था, बल्कि एनडीए के भीतर चल रहे असंतोष का भी इशारा था।

24 सीटों की मांग पर मिली सिर्फ 6


एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर सभी सहयोगी दलों के बीच लंबे समय से खींचतान जारी थी। उपेंद्र कुशवाहा ने शुरू में 24 सीटों की मांग रखी थी, लेकिन उन्हें केवल 6 सीटें ही दी गईं। यही वजह है कि वे खुलकर कुछ न कहते हुए भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।

कुशवाहा का “आने वाला समय बताएगा” वाला बयान राजनीतिक गलियारों में कई तरह के संकेत दे रहा है। माना जा रहा है कि उनकी नाराजगी फिलहाल शांत भले दिख रही हो, पर पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। आने वाले दिनों में यह मतभेद और गहरा हो सकता है।

एनडीए में असंतोष के संकेत

हालांकि बीजेपी और जेडीयू दोनों ही गठबंधन को एकजुट दिखाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन छोटे दलों की असंतुष्टि अब खुलकर सामने आ रही है। जीतन राम मांझी ने भी सीमित सीटें मिलने पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह असंतोष चुनाव प्रचार के दौरान एनडीए के लिए चुनौती बन सकता है।