
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2027 की शुरुआत बेहद धमाकेदार अंदाज़ में हुई है। बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच पहले टेस्ट मैच के पहले ही दिन दर्शकों को क्लासिक टेस्ट क्रिकेट की झलक देखने को मिली। जहां एक ओर बांग्लादेश की टीम शुरुआती झटकों से जूझती दिखी, वहीं दूसरी ओर कप्तान नजमुल हसन शांतो और अनुभवी बल्लेबाज़ मुश्फिकुर रहीम ने मिलकर मोर्चा संभालते हुए शानदार साझेदारी की और मैच का रुख पलट दिया।
तीन विकेट गिरते ही संकट में आ गई थी बांग्लादेशकोलंबो में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में बांग्लादेश की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला लिया। हालांकि, यह शुरुआत ज्यादा सुखद नहीं रही। टीम ने महज़ 45 रन के भीतर अपने तीन अहम विकेट गंवा दिए। ओपनर अनामुल हक खाता खोले बिना पवेलियन लौट गए। दूसरे सलामी बल्लेबाज़ सादमान इस्लाम भी 14 रन बनाकर आउट हुए। मोमिनुल हक ने थोड़ी देर पारी को थामने की कोशिश की लेकिन वे भी 29 रन बनाकर चलते बने। इस समय तक बांग्लादेश की टीम दबाव में थी और श्रीलंका की गेंदबाज़ी हावी होती दिख रही थी।
कप्तान शांतो ने दिखाया दम, लगाया चैंपियनशिप का पहला शतकऐसे संकट के समय टीम के कप्तान नजमुल हसन शांतो ने मोर्चा संभाला। उन्होंने बेहद संयम और धैर्य के साथ पारी को संभालते हुए अपना छठा टेस्ट शतक जड़ दिया। यह शतक उन्होंने 202 गेंदों में पूरा किया, जिसमें 11 चौके और 1 छक्का शामिल रहा। यह वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2027 के चौथे चक्र का पहला शतक है और शांतो का यह प्रदर्शन बांग्लादेश क्रिकेट के लिए संजीवनी साबित हुआ।
शांतो का यह दूसरा शतक श्रीलंका के खिलाफ रहा और नवंबर 2023 के बाद उनका यह पहला टेस्ट शतक भी है, जो यह दर्शाता है कि वह फॉर्म में लौट चुके हैं।
मुश्फिकुर रहीम ने निभाई अनुभवी बल्लेबाज़ की भूमिकाशांतो के साथ मैदान पर टिके रहने वाले बल्लेबाज़ थे अनुभवी मुश्फिकुर रहीम। उन्होंने अपनी सूझबूझ और अनुभव का बखूबी इस्तेमाल करते हुए बांग्लादेश को संकट से बाहर निकाला। दोनों ने मिलकर पहले अर्धशतक लगाए और फिर शांतो ने सेंचुरी पूरी की। मुश्फिकुर भी एक सशक्त पारी खेल रहे हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि दूसरे दिन वे भी अपना शतक पूरा कर सकते हैं। इस साझेदारी ने श्रीलंकाई गेंदबाज़ों के आत्मविश्वास को कमजोर कर दिया और बांग्लादेश को फिर से मुकाबले में खड़ा कर दिया।
टेस्ट क्रिकेट को मिली दमदार शुरुआतवर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के इस चौथे चक्र की शुरुआत भले ही दक्षिण अफ्रीका के विजेता बनने के बाद हो रही हो, लेकिन बांग्लादेश बनाम श्रीलंका के इस मैच ने इस बात का संकेत दे दिया है कि यह सत्र बेहद रोमांचक और प्रतिस्पर्धात्मक रहने वाला है। जिस तरह से बांग्लादेश की टीम ने शुरुआती संकट से उबरकर मैच में वापसी की है, वह दर्शाता है कि टेस्ट क्रिकेट में अब छोटे देशों की टीमें भी गंभीर चुनौती पेश करने लगी हैं।
पहले दिन की समाप्ति तक बांग्लादेश की स्थिति बेहद मजबूत नजर आने लगी है, जबकि शुरुआत में टीम पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। कप्तान शांतो की शतकीय पारी और मुश्फिकुर रहीम की मज़बूत साझेदारी ने यह साबित कर दिया है कि संयम, तकनीक और अनुभव का सही मिश्रण टेस्ट क्रिकेट की आत्मा को जीवंत बनाए रखता है। आने वाले दिनों में यह मैच और भी रोमांचक मोड़ ले सकता है।