
भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स टेस्ट के दौरान तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया है। उन्होंने SENA देशों (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले पहले एशियाई गेंदबाज बनने का गौरव प्राप्त किया है। बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में पांच विकेट झटकते हुए यह कीर्तिमान रचा और 150 विकेट का आंकड़ा पार किया।
बुमराह की ऐतिहासिक उपलब्धिजसप्रीत बुमराह अब SENA देशों में टेस्ट क्रिकेट में 150 विकेट लेने वाले पहले एशियाई गेंदबाज बन गए हैं। इस उपलब्धि के साथ उन्होंने पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने SENA में 146 विकेट लिए थे। बुमराह का यह प्रदर्शन उनकी निरंतरता और विदेशी पिचों पर उनकी घातकता को दर्शाता है।
SENA में एशियाई गेंदबाजों की टॉप 5 लिस्ट
बुमराह की उपलब्धि के साथ ही एक बार फिर SENA देशों में सर्वाधिक विकेट लेने वाले एशियाई गेंदबाजों की सूची चर्चा में आ गई है। इस सूची में कुछ दिग्गज नाम शामिल हैं जिन्होंने विदेशों में भारतीय उपमहाद्वीप के गेंदबाजों की प्रतिष्ठा को मजबूती दी है।
1. जसप्रीत बुमराह (भारत) – 150 विकेटबुमराह ने 2018 में टेस्ट डेब्यू किया था और तब से उन्होंने SENA देशों में अपनी सटीक लाइन-लेंथ और यॉर्कर से बल्लेबाजों को परेशान किया है। उनका यह आंकड़ा विदेशी धरती पर भारतीय गेंदबाजी की ताकत का प्रतीक है।
2. वसीम अकरम (पाकिस्तान) – 146 विकेटपाकिस्तान के पूर्व कप्तान और तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने अपने दौर में दुनिया के सबसे खतरनाक स्विंग गेंदबाजों में शुमार थे। उन्होंने SENA देशों में 146 विकेट चटकाए और लंबे समय तक इस सूची में शीर्ष पर रहे।
3. अनिल कुंबले (भारत) – 141 विकेटभारतीय स्पिन गेंदबाजी के पर्याय रहे अनिल कुंबले ने SENA की तेज और उछाल भरी पिचों पर भी शानदार सफलता हासिल की। उन्होंने वहां 141 टेस्ट विकेट लिए, जो एक स्पिनर के लिए बड़ी उपलब्धि है।
4. ईशांत शर्मा (भारत) – 130 विकेटभारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने भी विदेशी पिचों पर खासा प्रभाव डाला। उन्होंने SENA देशों में 130 विकेट लिए। हालांकि वह अब टीम से बाहर चल रहे हैं, लेकिन उनका रिकॉर्ड अब भी कायम है।
5. मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका) – 125 विकेटश्रीलंका के महान स्पिनर मुरलीधरन ने भी विदेशी पिचों पर अपने घातक ऑफ ब्रेक से 125 विकेट हासिल किए। हालांकि वह उपमहाद्वीप में और भी अधिक प्रभावशाली थे, लेकिन उनकी कामयाबी SENA में भी कम नहीं रही।
जसप्रीत बुमराह की यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है बल्कि यह भारतीय गेंदबाजी इकाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान का प्रतीक भी है। उन्होंने यह साबित किया है कि एशियाई गेंदबाज अब सिर्फ घरेलू पिचों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि विदेशी सरजमीं पर भी अपना परचम लहरा सकते हैं। बुमराह की यह सफलता आने वाले गेंदबाजों को प्रेरणा देगी कि मेहनत और निरंतरता से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।