जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने भारत को टोक्यो ओलिंपिक-2020 में गोल्ड मेडल दिलाकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया। नीरज ने पहले अटैम्प्ट में 87.03 मीटर और दूसरे अटैम्प्ट में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका था। तीसरे अटैम्प्ट में उन्होंने 76.79 मीटर, जबकि चौथे और 5वें अटैम्प्ट में फाउल थ्रो किया। छठे अटैम्प्ट में नीरज ने 84.24 मीटर दूर भाला फेंका। नीरज चोपड़ा की इस जीत पर उन्हें देशभर से जमकर बधाइयां मिल रही हैं। पाकिस्तान के खिलाड़ी अरशद नदीम ने नीरज को बधाइयां दी है। नदीम भी फाइनल में खेले थे और पांचवें स्थान पर रहे।
नदीम का प्रदर्शन देखा जाए तो उन्होंने अच्छी शुरुआत की। उन्होंने पहला प्रयास 82.40 मीटर का फेंका। दूसरे प्रयास में वह फाउल कर गए। तीसरे प्रयास में वह 84.62 मीटर की दूरी तय करने में सफल रहे जो उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास रहा। चौथे प्रयास में नदीम ने 82.91 मीटर का थ्रो किया। पांचवें प्रयास में वह 81.98 मीटर की दूरी तय की। नदीम के पास छठे प्रयास में पदक की रेस में आने का मौका था लेकिन वह यहां 81.98 मीटर की दूरी ही तय कर पाए जिससे पदक की रेस से बाहर हो गए। नीरज के आस-पास भी नहीं रहे नदीम
नदीम क्वालीफिकेशन में ओवरऑल तीसरे स्थान पर रहे थे और इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि वह नीरज को कड़ी चुनौती देंगे, लेकिन फाइनल में वह नीरज के प्रदर्शन के आस-पास भी नहीं आ सके। एक बार जब नीरज ने दूसरे प्रयास में 87 मीटर का मार्क पार किया उसके बाद से तो नदीम उनके करीब थ्रो भी नहीं फेंक पाए और नीरज ने उन्हें एक ही प्रयास में दूर कर दिया।
नीरज चोपड़ा हैं नदीम की प्ररेणा
इस मुकाबले में एक रोचक बात यह थी कि नीरज ही नदीम की प्ररेणा हैं। पाकिस्तान के नदीम पहले क्रिकेट खेला करते थे, लेकिन उन्होंने भारतीय खिलाड़ी को देखकर भाला फेंक खिलाड़ी बनने का फैसला किया था। नदीम ने 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने के बाद कहा था कि उन्होंने नीरज को देखकर ही भालाफेंक खेलने का फैसला किया था।