Tokyo Olympics 2020: हरियाणा के छोरे ने ओलंपिक में गाड़ा लट्ठ, जिम छोड़कर शुरू की थी नीरज चोपड़ा ने जेवलिन

हिंदुस्तान के खेल इतिहास में आज की तारीख सुनहरे अक्षरों में लिखी जाएगी। भारत का एथलेटिक्स में मेडल जीतने का 121 साल का इंतजार खत्म हो गया। जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra wins Gold) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में गोल्ड मेडल जीतकर 140 करोड़ हिंदुस्तानियों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। हरियाणा के नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलिंपिक में एथलेटिक्स में देश के लिए मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बन गए हैं। नीरज ने ओलंपिक मेडल जीतने का ट्रेलर क्वालिफिकेशन राउंड में ही कर दिया था। जब उन्होंने अपने पहली कोशिश में ही 86.65 मीटर दूर भाला फेंक नंबर 1 पोजिशन के साथ फाइनल के लिए क्वालिफाई किया था। फाइनल में नीरज चोपड़ा एक बार फिर कमाल कर गए और उन्होंने मेडल के साथ करोड़ों खेल प्रेमियों का दिल भी जीत लिया।

फाइनल में नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर जेवलिन थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता। यह उनका पहला ही ओलिंपिक है। इससे पहले वे पूल A के क्वालिफिकेशन में 86.65 मीटर थ्रो कर पहले स्थान पर थे। उनका पर्सनल बेस्ट थ्रो 88.07 मीटर है।

जेवलिन थ्रो के फाइनल में गोल्ड जीतने वाले नीरज इस गेम में अचानक आए थे। उन्होंने जिम छोड़कर जेवलिन थ्रो करना शुरू किया था। उनके चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि नीरज शुरुआत में शारीरिक रूप से ज्यादा फिट नहीं थे, इसलिए जिम जाते थे। जिम के पास ही स्टेडियम था, तो कई बार वे वहां टहलने के लिए चले जाते थे।

एक बार स्टेडियम में कुछ बच्चे जेवलिन कर रहे थे। नीरज वहां जाकर खड़े हो गए, तभी कोच ने उनसे कहा कि आओ जेवलिन फेंको, देखें आप कहां तक फेंक पाते हो। नीरज ने जेवलिन फेंका, तो वह काफी ज्यादा दूर जाकर गिरा। इसके बाद कोच ने उन्हें रेगुलर ट्रेनिंग में आने के लिए कहा। कुछ दिनों तक नीरज ने पानीपत स्टेडियम में ट्रेनिंग की, फिर पंचकूला में चले गए और वहां ट्रेनिंग करने लगे।

नीरज ने 2016 में जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था, इसके बावजूद वे रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके थे। नीरज ने यह रिकॉर्ड 23 जुलाई को बनाया था, जबकि रियो के लिए क्वालिफाई की आखिरी तारीख 23 जुलाई थी।

वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद सेना ने नायब सूबेदार बनाया

वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद सेना ने नीरज को जूनियर कमीशंड ऑफिसर की पोस्ट देते हुए नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2018 एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। नीरज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 6 बड़े टूर्नामेंट में मेडल जीत चुके हैं। वे 2018 में जकार्ता एशियन मेम्स, गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स, 2017 में एशियन चैंपियनशिप, 2016 में साउथ एशियन गेम्स, 2016 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। जबकि 2016 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था।