भारत की महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई। हालांकि सेमीफाइनल में अर्जेंटीना और उसके बाद ब्रॉन्ज मेडल मैच में ग्रेट ब्रिटेन के हाथों हार का सामना करना पड़ा। ओलिंपिक मेडल चूकने के बाद टीम इंडिया के प्लेयर्स मैदान पर ही फूट-फूटकर रोने लगीं। सविता पूनिया, वंदना कटारिया, कप्तान रानी रामपाल और नेहा गोयल समेत तमाम खिलाड़ी इमोशनल हो गए। महिला हॉकी टीम भले ही मैच हार गई लेकिन उन्होंने करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला हॉकी टीम के खिलाड़ियों से बात की और उनका उत्साहवर्धन किया। पीएम मोदी के साथ बातचीत के दौरान कई खिलाड़ियों की आंखों से आंसू निकल रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप सभी ने जिस तरह से खैल के दौरान पसीना बहाया है, वह देश की करोड़ों बेटियों के लिए प्रेरणा की बात है। उन्होनें कहा कि आप सभी ने बहुत बढ़ियां खेला है। पांच-छह साल से आपने पसीना बहाया है। मैं सभी को बधाई देता हूं।
पीएम ने जब खिलाड़ियों के रोने की आवाज सुनी तो कहा, ‘आप लोग रोना बंद करिए। मेरे तक आवाज आ रही है। बिल्कुल निराश नहीं होना है। आप लोगों की मेहनत से हॉकी फिर से पुनर्जिवित हो रही है। ऐसे निराश नहीं होना चाहिए।’ बातचीत के दौरान कोच शोर्ड मारिन ने भी पीएम का शुक्रिया अदा किया और कहा कि उनकी इस बातचीत से टीम को बहुत बल मिला है।
मोदी ने मैच के बाद ट्वीट किया, ‘हम महिला हॉकी में पदक से चूक गए लेकिन यह टीम नए भारत को प्रतिबिंबित करती है जिसमें हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘टोक्यो ओलंपिक में उनकी सफलता से कई युवा लड़कियों को हॉकी खेलने और उसमें अच्छा करने की प्रेरणा मिलेगी। इस टीम पर गर्व है।’