भारत के टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल टोक्यो ओलंपिक से बाहर हो गए हैं। उन्हें सोमवार को पुरुष एकल के दूसरे दौर में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी डेनियल मेदवेदेव के खिलाफ सीधे सेटों में शिकस्त का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही टेनिस में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई। इससे पहले महिल युगल में अनुभवी सानिया मिर्जा और अंकिता रैना की जोड़ी को पहले दौर में ही ल्युडमाइला किचेनोक और नादिया किचेनोक की युक्रेन की जुड़वां बहनों की जोड़ी ने 0-6, 7-6, 10-8 से हराकर बाहर कर दिया था।
दो सेट में पांच बार टूटी सुमित की सर्विस
रूस ओलंपिक समिति
(आरओसी) का प्रतिनिधित्व कर रहे मेदवेदेव ने सुमित से मैच 6-2, 6-1 से
जीता। दुनिया के 160वें नंबर के खिलाड़ी सुमित दूसरी वरीयता प्राप्त
मेदवेदेव को कोई चुनौती पेश नहीं कर पाए। मेदवेदेव ने पहले सेट में दो दफा,
जबकि दूसरे सेट में तीन बार सुमित की सर्विस तोड़ी। मुकाबला एक घंटा 6
मिनट चला। सुमित ने पहले दौर में अपने से कहीं ऊंची वरीयता के खिलाड़ी
उज्बेकिस्तान के डेनिस इस्तोमिन को 6-4, 6-7, 6-4 से हराया था। ऐसे में लग
रहा था कि वे मेदवेदेव को भी आसानी से नहीं जीतने देंगे, लेकिन सुमित लय
बरकरार नहीं रख पाए।
सुमित बने थे तीसरे भारतीय टेनिस खिलाड़ी
सुमित
ओलंपिक में 25 साल में पुरुष एकल स्पर्धा में कम से कम दूसरे दौर में जगह
बनाने वाले तीसरे भारतीय टेनिस खिलाड़ी हैं। जीशान अली ने सबसे पहले सियोल
ओलंपिक 1988 में यह कमाल किया था। उसके बाद लिएंडर पेस ने अटलांटा ओलंपिक
1996 में यह उपलब्धि दोहराई। पेस ने तो कांस्य पदक तक जीता था।