भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच चुकी है। उसने क्वार्टर फाइनल में तीन बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम को 1-0 से मात दी। इस प्रदर्शन के बाद हर ओर टीम की तारीफ हो रही है। खास तौर से ग्रुप में खराब प्रदर्शन के बाद इस शानदार वापसी से हर कोई चकित है। अब मुख्य कोच सोर्ड मारिन ने खुलासा किया कि लगातार तीन हार से टीम का मनोबल टूट गया था, लेकिन इसके बाद खिलाड़ियों ने आत्मविश्वास जगाने वाली फिल्म देखी जिससे उनमें नया जोश भरा और वे पहली बार अंतिम-4 में जगह बनाने में सफल रही।
आयरलैंड के खिलाफ करो या मरो मैच से पहले एक फिल्म देखने से टीम को मनोवैज्ञानिक रूप से मदद मिली। उन्होंने इस फिल्म के नाम का खुलासा नहीं किया। हालांकि माना जा रहा है कि ये फिल्म चक दे इंडिया हो सकती है। शाहरुख खान की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म महिला हॉकी पर ही केंद्रित थी।
मारिन ने कहा कि मैंने उन्हें फिल्म दिखाई, जो वर्तमान पल को जीने से जुड़ी थी और मुझे लगता है कि इससे वास्तव में मदद मिली। आयरलैंड के खिलाफ हम इस फिल्म का जिक्र करते रहे। भारतीय कप्तान रानी रामपाल ने भी टीम का भाग्य बदलने के लिए फिल्म को श्रेय दिया। उन्होंने कहा फिल्म ने आपके सामने जो है केवल उसके बारे में सोचने और अतीत के बारे में नहीं सोचने की सीख दी।
400 मीटर बाधा दौड़ में चैंपियन बने वारहोम
नार्वे के कार्सटन
वारहोम ने मंगलवार को टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़
में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। दो बार के विश्व चैंपियन वारहोम
ने फाइनल में 45.94 सैकंड लिए। दौड़ पूरी करने वाले सात में से छह एथलीट
ने रीजनल या नेशनल रिकॉर्ड बनाया। वारहोम ने इससे पहले एक जुलाई को ओस्लो
में 46.70 सैकंड के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया था और अब उन्होंने इसमें सुधार
किया है। अमेरिका के राइ बेंजामिन ने रजत और ब्राजील के एलिसन डोस सांतोस
ने कांस्य पदक जीता। महिलाओं की लंबी कूद में जर्मनी की मलाइका मिहाम्बो ने
सात मीटर की जंप के साथ स्वर्ण जीता।
अमेरिकी गोल्फर जेंडर शॉफले ने जीता स्वर्ण पदक
अमेरिका
के जेंडर शॉफले ने स्लोवाकिया के रोरी सबातीनी को एक शॉट से पीछे छोड़कर
पुरुष गोल्फ प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक जीत लिया। 27 वर्षीय जेंडर ने आखिरी
दौर में चार अंडर 67 का कार्ड खेला। उन्होंने छह फुट से बर्डी जमाकर
सबातीनी पर बढ़त बनाई थी। जब गोल्फरों का आखिरी समूह 18वां होल खेलने के
लिए गया था तो नौ खिलाड़ी पदक की दावेदारी में थे। इनमें जापान के मास्टर्स
चैंपियन हिदेकी मात्सुयामा भी थे, लेकिन वे 18वें होल में बर्डी नहीं बना
पाए और कांस्य से चूक गए। सबातीनी ने 61 का कार्ड खेला जो ओलंपिक रिकॉर्ड
है लेकिन वे आखिर में जेंडर से एक शॉट पीछे रहे। चीनी ताइपे के सीटी पैन ने
तीसरे स्थान के प्लेऑफ में जीत दर्ज करके कांस्य पदक जीता।