टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम की बढ़िया शुरुआत रही। उसने शनिवार सुबह खेले गए मुकाबले में न्यूजीलैंड को 3-2 से हरा दिया। निर्णायक क्षणों में गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने गजब का प्रदर्शन किया। न्यूजीलैंड के लिए पहला गोल छठे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ केन रसेल ने दागा। रूपिंदर पाल सिंह ने 10वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल करके भारत को बराबरी दिला दी।
हरमनप्रीत सिंह ने 26वें और 33वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किए, जबकि न्यूजीलैंड के लिए 43वें मिनट में स्टीफन जेनिस ने दूसरा गोल दागा। आठ बार के ओलंपिक चैंपियन भारत ने आखिरी बार खेलों के महासमर में पदक मॉस्को में वर्ष 1980 में जीता था। विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर पहुंची मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली मौजूदा टीम को टोक्यो में पदक के दावेदारों में गिना जा रहा है। मैच में लिए गई कई रेफरल, गोलकीपर श्रीजेश जीत के हीरो
मैच
में कई बार ऐसी स्थितियां आई जब रेफरल की मदद लेनी पड़ी। इससे दक्षिण
अफ्रीकी वीडियो अंपायर पीटर राइट को काफी मशक्कत करनी पड़ी। उन्हें फैसले
देने में काफी समय लगा। भारत के अनुभवी गोलकीपर श्रीजेश ने आठ में से छह
शॉट बचाए और छह पेनल्टी कॉर्नर में सिर्फ एक बार नाकाम रहे। न्यूजीलैंड को
मैच खत्म होने से 24 सैकंड पहले भी एक पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन उस पर गोल
नहीं हो सका। 15 मिनट के पहले क्वार्टर में हालांकि 1976 मांट्रियल ओलंपिक
की रजत पदक विजेता न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी रहा।
हरमनप्रीत सिंह ने दागे दो गोल
भारत
ने 26वें मिनट में वीडियो रेफरल पर पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। भारतीय टीम
ने इस पर वैरिएशन लिया और हरमनप्रीत ने ड्रैग फ्लिक पर गोल दागा जो उनका
75वां अंतरराष्ट्रीय गोल था। 33वें मिनट में वीडियो अंपायर राइट ने भारत को
पेनल्टी कॉर्नर दिया और हरमनप्रीत ने इस मौके को भुनाते हुए भारत को 3-1
से बढत दिला दी। न्यूजीलैंड ने इसके बाद लगातार जवाबी हमले बोले लेकिन
श्रीजेश, अनुभवी डिफेंडर बीरेंद्र लाकड़ा और अमित रोहिदास ने उन्हें कामयाब
नहीं होने दिया। तीसरे क्वार्टर के आखिरी मिनटों में हालांकि भारतीय रक्षा
पंक्ति ने ढिलाई बरती और उसका खामियाजा भुगतना पड़ा। कीवी टीम ने बढ़त कम
कर दी, लेकिन इसके बाद वह मैच ड्रॉ नहीं करा पाई। भारत का सामना अब रविवार
को ऑस्ट्रेलिया से होगा।