श्रीलंकाई टीम के दो स्टाफ मेंबर कोविड-19 पॉजिटिव आने के बाद 13 जुलाई से होने वाली वनडे और टी20 सीरीज स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद अब भारत और श्रीलंका के बीच पहला वनडे 18 जुलाई को होगा। दोनों टीमें इसकी तैयारी में जुटी हुई हैं। हालांकि कोरोना के कारण हो रही मानसिक थकान को दूर करने के लिए खिलाड़ी नित नए उपाय अपना रहे हैं। कुछ ऐसी ही पहल की टीम इंडिया की स्पिन जोड़ी युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव ने। दाएं हाथ के लेग स्पिनर चहल और बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप कुलचा के नाम से मशहूर हैं। गुरुवार को बीसीसीआई ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया चैनल पर कुलदीप और चहल का एक वीडियो शेयर किया है। इसमें वे दोनों एक गेम खेलते हुए नजर आ रहे हैं। कुलदीप ने की इन खिलाड़ियों की एक्टिंग और चहल ने किया गेस…
इस गेम में चहल अपने सिर पर एक खिलाड़ी के नाम का बोर्ड लेकर खड़े है और कुलदीप उस खिलाड़ी की एक्टिंग कर चहल को खिलाड़ी को पहचानने में मदद कर रहे हैं। कुलदीप ने सबसे पहले ईशांत शर्मा की एक्टिंग की। इसके लिए एक लंबे खिलाड़ी का इशारा किया और चहल ने तुरंत गेस कर लिया कि ये 'ईशांत भाई' हैं। अगला नाम विराट कोहली का था। कुलदीप ने उनकी एक्टिंग की तो कुछ ही सेकंड में चहल ने 'विराट भइया' का नाम बोल दिया। चहल को धोनी को पहचानने में थोड़ा समय लगा। ऋषभ पंत के लिए कुलदीप ने थोड़ा खांसते हुए बैंटिग करने की नकल की और चहल तुरंत पहचान गए।
राहुल द्रविड़ से सीखना चाहते हैं ये तीनों युवा क्रिकेटर
इंटरनेशनल
डेब्यू का इंतजार कर रहे देवदत्त पडिक्कल, नितीश राणा और चेतन सकारिया
श्रीलंका दौरे के दौरान एक खिलाड़ी, व्यक्ति और कोच के रूप में राहुल
द्रविड़ के गुणों को आत्मसात करना चाहते हैं। कर्नाटक के लिए खेलने वाले
पडिक्कल ने कहा कि हम एक ही स्कूल से हैं, पहली बार असल में मैं उनसे हमारे
खेल दिवस कार्यक्रम में मिला था जहां मुझे उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट
करना था-वहां मैंने पहली बार उनसे बात की। उनके जैसा मार्गदर्शक आपके साथ
होना शानदार अहसास है।
बाएं हाथ के ही बल्लेबाज नितीश ने कहा कि
मैंने सुना है कि कोच के रूप में द्रविड़ और खिलाड़ी के रूप में द्रविड़
समान हैं। काश उनमें जितना धैर्य है मैं उसका एक प्रतिशत भी अपने अंदर ला
पाऊंगा तो यह मेरे लिए बड़ी उपलब्धि होगी। सौराष्ट्र के बाएं हाथ के युवा
तेज गेंदबाज सकारिया ने कहा कि मैं यह सीखना चाहता हूं कि जब ऑस्ट्रेलिया
और इंग्लैंड जैसी विरोधी टीमें दबदबा बनाती हैं तो वे कैसे इतने प्रतिबद्ध
रहते थे।