इंग्लैंड के खिलाफ जारी पांच मैच की टेस्ट सीरीज में भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात कप्तान विराट कोहली का आउट ऑफ फॉर्म होना है। कोहली ने पिछले कुछ सालों में इतना चमकदार प्रदर्शन किया है कि टीम इंडिया और फैंस उनसे बहुत उम्मीदें पालते हैं। यहां तक कि कई बार लगता है कि कोहली के फेल होने का असर चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे पर भी पड़ा है। कोहली जैसा बल्लेबाज खेलता है तो हर बल्लेबाज से दबाव हट जाता है। सीरीज में अभी भी दो टेस्ट बचे हैं और हर कोई कोहली के लय में आने की दुआ कर रहा है। कोहली का बल्ला चल निकला तो भारत सीरीज पर कब्जा जमा सकता है। इस बीच, पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर मानते हैं कि 2014 के इंग्लैंड दौरे का खौफ कोहली पर सवार हो गया है।
ऑफ साइड की परेशानियों से जूझ रहे हैं कोहली : मांजरेकर
मांजरेकर
के मुताबिक अगर कोहली ऑफ साइड की दिक्कतों को दूर नहीं करते हैं, तो
उन्हें आगे भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मांजरेकर ने एचटी मीडिया
के कॉलम में लिखा कि इस वक्त कोहली ऑफ साइड की परेशानियों से जूझ रहे हैं।
लगता है कि 2014 वापस आ रहा है और उन्हें डरा रहा है और अगर वे 2018 की तरह
बॉल को नहीं छोड़ते हैं, तो परेशानी जारी रहेगी। या फिर उन्हें किसी भी
हालत में फ्रंटफुट पर खेलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, ताकि वे अपनी जिंदगी
आसान बनाएं और गेंदबाजों की मुश्किल। कोहली का फ्रंटफुट पर खेलना परेशानी
पैदा कर रहा है, जिससे औसत गेंदबाज भी गुड लेंथ बॉल डालकर एक महान बल्लेबाज
को रन के लिए तरसा रहे हैं।
भारत के मुकाबले नई गेंद से बेहतर खेला इंग्लैंड : बायकॉट
इंग्लैंड
ने हेडिंग्ले में खेले गए तीसरे टेस्ट में भारत को पारी और 76 रन से मात
दी। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ज्योफ्री बायकॉट का मानना है कि इंग्लिश टीम
ने तीसरा टेस्ट जीता क्योंकि उसने भारत के मुकाबले नई गेंद से बेहतर खेला।
बायकॉट ने 'द टेलिग्राफ' के लिए लिखे कॉलम में बताया कि नई गेंद से पार
पाना टेस्ट क्रिकेट में अहम है और मैच जीतने के लिए काफी असरदार है।
इंग्लैंड के टॉप-3 बल्लेबाजों ने 199 रन बनाए। भारत को देखें, कोहली ने टॉस
जीता और पहले बल्लेबाजी करते हुए टेस्ट गंवाया। लंच तक उनके चार बल्लेबाज
आउट हुए, क्योंकि वे नई गेंद के सामने नाकाम रहे। भारतीय बल्लेबाज दूसरी
पारी में भी नाकाम रहे और उनके 8 विकेट महज 63 रन पर ही गिर गए।