भारतीय टीम के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत शुक्रवार (30 दिसंबर) तड़के एक सड़क हादसे का शिकार हो गए। उन्हें गंभीर चोटें आई हैं और देहरादून के मैक्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। यहां उनकी कई सारी जांचें भी की गईं। दुनिया भर के क्रिकेटर और फैंस उनके जल्दी ठीक होने की दुआएं कर रहे हैं। पंत की कार अपना संतुलन खोकर सड़क की रेलिंग से जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार हवा में उछलकर कुछ दूर गिरी और उसमें आग लग गई। यह हादसा रूड़की के पास हुआ। पंत खुद ही कार चला रहे थे।
बताया गया है कि पंत को सबसे ज्यादा चोटें सिर और पैर में आई हैं। इसी के चलते उनके ब्रेन और स्पाइन का MRI स्कैन भी कराया गया था। जिसकी रिपोर्ट सामने आ गई है। इस रिपोर्ट ने फैन्स और खुद पंत को बड़ी राहत दी है। रिपोर्ट नॉर्मल आई है।
डॉक्टर्स ने बताया है कि ऋषभ पंत की अब भी कई और जांचें होनी हैं। उनके टखने और घुटने का भी MRI स्कैन कराया जाना था। मगर इसे टाल दिया गया है, क्योंकि पंत को काफी दर्द हो रहा था और सूजन भी थी। अब यह स्कैन आज (31 दिसंबर) को कराया जा सकता है। हादसे में ऋषभ पंत के चेहरे पर चोट आई थी। कई कटे-फटे घाव भी हुए और कुछ खरोंचें भी आईं। अब इनको ठीक करने के लिए पंत ने प्लास्टिक सर्जरी भी करवाई है। ऋषभ पंत को दाएं पैर के घुटने और टखने में लिकमेंट फट गया है। इसी कारण से मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने ऋषभ पंत के घुटने पर भी पट्टी बांधी है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने बीसीसीआई सूत्रों के हवाले से लिखा है कि ऋषभ पंत के लिगामेंट की चोट का इलाज अब बीसीसीआई की मेडिकल टीम करेगी। बीसीसीआई के डॉक्टर देहरादून मे मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों के संपर्क में हैं। पता चला है कि अब भारतीय बोर्ड ने मैक्स अस्पताल को बता दिया है कि लिगामेंट के इलाज की पूरी जिम्मेदारी अब बीसीसीआई के मेडिकल टीम की होगी। खबर है कि ऋषभ पंत को कुछ दिन बाद मैक्स अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकता है। इसके बाद उन्हें मुंबई शिफ्ट किया जाएगा जहां बीसीसीआई के डॉक्टर पैर के चोटिल लिगामेंट की स्थिति की जांच करेंगे और देखेंगे कि लिगामेंट में किस ग्रेड की चोट है। तब फैसला लिया जाएगा कि उन्हें विदेश भेजने की जरूरत है या नहीं।ऋषभ पंत क्रिकेट से लंबे समय तक दूर रह सकते हैं। लिगामेंट की चोट से उबरने में उन्हें लगभग 9 महीने का समय लग सकता है। लिगामेंट फायबर्स का ऐसा ग्रुप होता है, जो दो हड्डियों को आपस में जोड़ता है। उसका फटना मतलब हड्डी पर भी अतिरिक्त जोर पड़ना। इसलिए इस इंजरी से होने वाले जख्म भरने में काफी वक्त लगता है और पंत तो प्रोफेशनल खिलाड़ी हैं, उनके लिए तो स्टैंडर्ड उतने ही ऊंचे हैं।कार जलने से पहले बाहर निकले पंत
बता दें कि ऋषभ पंत अपनी मर्सिडीज कार खुद चलाकर होम टाउन रूड़की जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें झपकी आगे और उनकी कार संतुलन खोकर डिवाइडर से टकराकर दुर्घटना ग्रस्त हो गई। पंत ने खुद बताया कि वह विंड स्क्रीन तोड़कर बाहर आए। इसके बाद कार में भीषण आग लग गई थी। इस हादसे के बाद पंत सबसे पहले एक बस ड्राइवर सुशील कुमार के पास पहुंचे। उन्होंने ही पंत को संभाला और एम्बुलेंस को बुलाकर पंत को अस्पताल भिजवाया। सुशील ने बताया कि पंत खून से लथपथ थे और उन्होंने ही बताया था कि वो क्रिकेटर ऋषभ पंत हैं।