भारतीय गेंदबाज़ी संकट में, अब कुलदीप यादव पर टिकी उम्मीदें – माइकल क्लार्क ने भी जता दी सहमति

इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट में भारत की गेंदबाज़ी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। जसप्रीत बुमराह के अलावा बाकी गेंदबाज न तो विकेट निकाल पाए और न ही रन रोकने में कारगर साबित हुए। ऐसे में भारत की जीत की संभावनाओं पर सवाल उठने लगे हैं। इस बीच, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने भी कुलदीप यादव को टीम में शामिल करने की पुरज़ोर वकालत की है।

क्लार्क ने क्या कहा?

बियॉन्ड23 पॉडकास्ट में बातचीत करते हुए माइकल क्लार्क ने कहा, इंग्लैंड में जीतने के लिए आपको 20 विकेट लेने होंगे और भारत का वर्तमान गेंदबाज़ी आक्रमण ऐसा करने में सक्षम नहीं दिख रहा। कुलदीप यादव एक विकेट टेकर गेंदबाज़ हैं और वह इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं। अगर वह फॉर्म में होते हैं, तो वह सीरीज़ का टर्निंग पॉइंट साबित हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत पिछले कुछ समय से अतिरिक्त बल्लेबाजी गहराई के चक्कर में मुख्य स्पिनर को नजरअंदाज करता रहा है, लेकिन इंग्लैंड की परिस्थितियों में संतुलन जरूरी है। बुमराह के अलावा किसी भी गेंदबाज ने अभी तक भरोसा नहीं दिलाया है, ऐसे में बदलाव जरूरी है।

जडेजा अकेले पड़ते दिखे, तेज़ गेंदबाज रहे फीके

लीड्स टेस्ट में रविंद्र जडेजा ने अच्छी लाइन-लेंथ से गेंदबाज़ी की, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से कोई समर्थन नहीं मिला। मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर विकेट के लिए जूझते रहे और काफी महंगे भी साबित हुए। इस प्रदर्शन से यह साफ हो गया कि भारत के पास केवल बुमराह ही आक्रमण की धुरी हैं।

दिग्गजों ने पहले ही दी थी चेतावनी

माइकल क्लार्क अकेले नहीं हैं जिन्होंने कुलदीप यादव को टीम में शामिल करने की सिफारिश की है। इससे पहले सुनील गावस्कर, संजय मांजरेकर, दिलीप वेंगसरकर और मोंटी पनेसर जैसे पूर्व खिलाड़ी भी कुलदीप को प्लेइंग इलेवन में लाने की मांग कर चुके हैं।

संजय मांजरेकर ने तो यहां तक कह दिया कि शार्दुल ठाकुर को बाहर कर कुलदीप यादव को वापस लाना होगा। वहीं दिलीप वेंगसरकर ने कहा, चार तेज़ गेंदबाजों के साथ खेलने का कोई मतलब नहीं है। कुलदीप जैसे स्पिनर की जरूरत है जो इंग्लिश बल्लेबाजों को छकाने की क्षमता रखता हो।

क्या दूसरा टेस्ट कुलदीप की वापसी का मंच बनेगा?

एजबेस्टन में 2 जुलाई से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट के लिए टीम चयन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। बुमराह को इंग्लैंड दौरे पर केवल तीन टेस्ट खेलने हैं और पहले में वे खेल चुके हैं। ऐसे में उनके खेलने पर भी संशय है। यदि बुमराह अगले टेस्ट में नहीं खेले तो कुलदीप की वापसी की संभावनाएं और मजबूत हो जाती हैं।

कुलदीप यादव ने हाल ही में खेले गए मुकाबलों में शानदार फॉर्म दिखाई है। वह भारत के लिए सीमित ओवरों में निरंतर विकेट लेते रहे हैं और अब टेस्ट टीम में भी उनकी वापसी की मांग तेज हो गई है।

क्या अब देरी की गुंजाइश नहीं?

भारत के लिए यह टेस्ट सीरीज अहम है। पहले टेस्ट में मिली हार ने दिखा दिया है कि सिर्फ मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप से मैच नहीं जीते जा सकते। जीत के लिए 20 विकेट लेना जरूरी है और इसके लिए गेंदबाजी आक्रमण में विविधता और प्रभाव दोनों चाहिए। कुलदीप यादव जैसा चाइनामैन गेंदबाज इंग्लैंड की आक्रामक शैली के खिलाफ निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

अब देखना यह है कि टीम मैनेजमेंट इन सिफारिशों और मांगों को कितना गंभीरता से लेता है, या फिर भारत एक और टेस्ट में एक ही रणनीति दोहराकर हार का खतरा मोल लेगा।