जानें-दीपक चाहर को द्रविड़ ने क्या सलाह दी और धवन के मन में पहले किसने जगाई थी जीत की उम्मीद

भारत ने मंगलवार को गजब का जुझारूपन दिखाते हुए तीन मैच की सीरीज में 2-0 से अजेय बढ़त बना ली। कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में दूसरे वनडे में भारतीय टीम ने मेजबान श्रीलंका को तीन विकेट से हरा दिया। भारत को 276 रन का लक्ष्य मिला, जो उसने 49.1 ओवर में हासिल कर लिया। दीपक चाहर को उनके हरफनमौला खेल के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। दीपक ने दो विकेट लेने के साथ नाबाद 69 रन की पारी खेली। उन्होंने 82 गेंदों पर सात चौके व एक छक्का उड़ाया।

दीपक ने मैच के बाद कहा कि जब हम गेंदबाजी कर रहे थे तब कुछ कैच छूटने के कारण दिक्कत आई, लेकिन फिर सब सही हुआ। मुझे दो विकेट भी मिले। हमने उन्हें 275 रन पर रोक दिया जो कि चेज करने के लिए एक ठीक स्कोर था। जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतरा तो मेरे दिमाग में केवल एक ही बात चल रही थी। और जब आप भारत के लिए खेलते हैं तो इस तरह का सपना देखते हैं। जीतने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता।

दीपक ने कहा, मैंने इंडिया ए के लिए कुछ पारियां खेली हैं…

दीपक ने कहा कि राहुल सर ने मुझे हर गेंद खेलने को कहा। मैंने इंडिया ए के लिए कुछ पारियां खेली हैं और उन्हें मुझ पर भरोसा है और हमेशा मुझ पर विश्वास करते हैं और यह गेम चेंजर था। हमारे पास शानदार बल्लेबाजी क्रम है और उम्मीद है कि मुझे आगामी मुकाबलों में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिलेगा। ऐसी स्थिति में मेरे लिए यह पहली बार है। हम गेंद दर गेंद खेल रहे थे और जब लक्ष्य 50 के नीचे आ गया तो मैंने बाउंड्री मारने का फैसला किया। छक्का लगाने के बाद मुझे गति मिली।


जीत के बाद ऐसा बोले कप्तान शिखर धवन

बाएं हाथ के बल्लेबाज शिखर धवन को पहली बार कप्तानी मिली है और उन्हें सीरीज जीत का तोहफा मिल गया। मैच के बाद धवन ने कहा कि मुझे लगा कि आज का विकेट काफी बेहतर था और हमने उन्हें अच्छे स्कोर तक ही सीमित रखा। जब उनके बल्लेबाज अंदर थे तो स्पिनरों ने वापसी की और गेंदबाजों ने लाइन-लैंथ में तालमेल बैठाया। मनीष पांडे और सूर्यकुमार जिस तरह से खेल रहे थे, हमने सोचा था कि वे जिता देंगे। क्रुणाल ने बीच में जिस तरह से लड़ाई लड़ी वह अद्भुत थी। दीपक ने नेट्स में बल्लेबाजी पर काफी मेहनत की है। लेग स्पिन के खिलाफ उनकी दिमागी उपस्थिति और गणना लाजवाब थी। भुवी ने भी बढ़िया साथ दिया।