पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का दिल का दौरा पड़ने से निधन, थे 1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य

पूर्व भारतीय क्रिकेटर और 1983 की विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे यशपाल शर्मा का मंगलवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 66 साल के थे। यशपाल अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चों को छोड़कर गए हैं। यशपाल मूल रूप से पंजाब के रहने वाले थे, जिनका जन्म 11 अगस्त 1954 को हुआ था।

यशपाल ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 1979 में टेस्ट डेब्यू किया था, जबकि 1983 में आखिरी टेस्ट खेला था। यशपाल ने 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ सियालकोट में पहला और 1985 में अंतिम वनडे खेला था। उन्होंने भारत के लिए कुल 37 टेस्ट खेले, जिनमें करीब 34 की औसत से 1606 रन बटोरे। इसमें उनके खाते में दो शतक भी हैं। इसके अलावा 42 वनडे में 883 रन जुटाए।


विश्व कप सेमीफाइनल में खेली थी तगड़ी पारी

यशपाल ने 83 के विश्व कप में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ खेले गए पहले मैच में 89 रन की शानदार पारी खेली थी, जिसमें भारत को जीत मिली थी। सेमीफाइनल में यशपाल ने 61 रन बनाए थे और भारत ने इंग्लैंड को मात दी। हालांकि विश्व कप के बाद यशपाल का करियर ढलान की ओर जाने लगा। यशपाल ने रणजी ट्रॉफी में हरियाणा और रेलवे समेत तीन टीमों का प्रतिनिधित्व किया।

उन्होंने 160 मैच में 8933 रन बनाए। उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 201 रन था। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में 21 शतक लगाए। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वे भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई), पंजाब और हरियाणा क्रिकेट के साथ विभिन्न भूमिकाओं में शामिल रहे थे। उन्होंने कुछ वर्षों के लिए राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में भी काम किया। साल 2008 में उन्हें फिर से पैनल में नियुक्त किया गया।


पूर्व क्रिकेटर्स ने दी श्रद्धांजलि

यशपाल शर्मा के साथ खेलने वाले पूर्व भारतीय ऑलराउंडर मदनलाल ने अपने साथी खिलाड़ी के निधन पर कहा कि मैं विश्वास नहीं कर पा रहा हूं कि ऐसा हुआ है। हमने पंजाब से खेल की शुरुआत की थी, फिर वर्ल्डकप में हम एक साथ खेले। अभी कपिल देव और टीम के अन्य सदस्यों से भी बात हुई है, हर कोई इस खबर से हैरान है। पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद ने कहा कि आज हमारा परिवार टूट गया है, यशपाल ने ही विश्व कप जीत का एजेंडा तय किया था। हम 25 जून को मिले थे, तब वे काफी खुश थे। वे सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक थे।