टेस्ट इतिहास में सिर्फ दूसरी बार विदेशी जमीन पर दो भारतीय बल्लेबाजों ने एक ही सीरीज में बनाए 500+ रन

भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज के चौथे मैच में इतिहास एक बार फिर खुद को दोहराता नजर आया। मैनचेस्टर टेस्ट के चौथे दिन तक भारतीय बल्लेबाज शुभमन गिल और केएल राहुल ने ऐसी उपलब्धि हासिल की जो इससे पहले केवल एक बार टेस्ट इतिहास में संभव हुई थी। दोनों ही बल्लेबाजों ने विदेशी सरजमीं पर एक ही टेस्ट सीरीज में 500 से अधिक रन बनाकर भारत के लिए गौरवपूर्ण कीर्तिमान रचा।

गिल-राहुल की जोड़ी ने रचा इतिहास

शुभमन गिल ने चार मैचों की आठ पारियों में 99.57 की अद्भुत औसत से अब तक 697 रन बना लिए हैं, जबकि केएल राहुल ने उतनी ही पारियों में 72.57 की औसत से 508 रन जोड़े हैं। इन दोनों की अटूट साझेदारी ने न सिर्फ मैनचेस्टर टेस्ट की दूसरी पारी को स्थिरता दी, बल्कि ऐतिहासिक आंकड़ों में भी भारत को शामिल कर दिया। यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में केवल दूसरी बार है जब भारत के दो बल्लेबाजों ने विदेशी ज़मीन पर एक ही सीरीज में 500+ रन बनाए हों।

1970-71 की वेस्टइंडीज सीरीज में हुआ था पहला चमत्कार

यह अनोखा कारनामा इससे पहले 1970-71 में वेस्टइंडीज के दौरे पर देखा गया था। उस ऐतिहासिक सीरीज में सुनील गावस्कर ने 774 और दिलीप सरदेसाई ने 642 रन बनाए थे। गावस्कर के लिए वह डेब्यू सीरीज थी और उन्होंने खुद को महान बल्लेबाजों की कतार में ला खड़ा किया था। अब गिल और राहुल ने मिलकर वही कीर्तिमान दोहराया है, जो पांच दशक से अधिक समय पहले कायम हुआ था।

इस मुकाबले में भारत ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी की और पहली पारी में 358 रन बनाए। यशस्वी जायसवाल (58), साई सुदर्शन (61) और ऋषभ पंत (54) ने उपयोगी पारियां खेलीं, जबकि केएल राहुल ने 46 रन बनाए। इंग्लैंड के लिए कप्तान बेन स्टोक्स ने 5 और जोफ्रा आर्चर ने 3 विकेट चटकाए।

इसके बाद इंग्लैंड ने पहली पारी में दबदबा बनाते हुए 669 रन बनाए और 311 रनों की बड़ी बढ़त हासिल कर ली। इंग्लैंड के लिए जो रूट ने 150 और स्टोक्स ने 141 रन बनाए। भारत के लिए रवींद्र जडेजा सबसे सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने 4 विकेट झटके।

दूसरी पारी में गिल और राहुल की जुझारू साझेदारी

भारत की दूसरी पारी की शुरुआत बेहद खराब रही और पहले ही ओवर में यशस्वी जायसवाल और साई सुदर्शन बिना खाता खोले आउट हो गए। स्कोर था 0/2, और भारतीय टीम गहरे संकट में थी। ऐसे समय में कप्तान शुभमन गिल और अनुभवी केएल राहुल ने मोर्चा संभालते हुए भारतीय पारी को न सिर्फ संभाला बल्कि चौथे दिन का खेल खत्म होने तक एक भी विकेट नहीं गिरने दिया।

राहुल ने 210 गेंदों में 87 और गिल ने 167 गेंदों में 78 रन बनाकर टीम को संकट से उबारा और सीरीज के आंकड़ों में भी अमिट छाप छोड़ी।

महत्वपूर्ण आंकड़े और उपलब्धि

गिल और राहुल की जोड़ी ने जिस तरह से विदेशी सरजमीं पर बल्लेबाजी की है, वह यह साबित करता है कि भारत की नई बल्लेबाजी इकाई न केवल घरेलू पिचों पर बल्कि चुनौतीपूर्ण विदेशी परिस्थितियों में भी आत्मविश्वास के साथ प्रदर्शन कर रही है। गिल का औसत लगभग 100 के पार और राहुल की निरंतरता, दोनों मिलकर भारत के बल्लेबाजी भविष्य की गवाही देते हैं।

भारत के लिए यह रिकॉर्ड केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं बल्कि टीम की मानसिक मजबूती और क्षमता का प्रतीक है। सुनील गावस्कर और दिलीप सरदेसाई जैसे दिग्गजों की सूची में अब शुभमन गिल और केएल राहुल के नाम भी दर्ज हो चुके हैं। यह उपलब्धि भारतीय क्रिकेट इतिहास में लंबे समय तक याद रखी जाएगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।