लंदन। इटली ने एक बार फिर यूरो कप फुटबॉल टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर लिया है। भारतीय समयानुसार रविवार देर रात हुए फाइनल में इटली ने इंग्लैंड को पेनल्टी शूटआउट में 3-2 से हरा दिया। निर्धारित समय (90 मिनट) और इसके बाद अतिरिक्त समय (30 मिनट) का खेल खत्म होने तक स्कोर 1-1 से बराबर था। इटली ने दूसरी बार यूरो कप पर कब्जा किया है। इससे पहले उसने 1968 में ट्रॉफी उठाई थी। जैसे ही इटली ने खिताबी मुकाबला जीता, पूरे देश में जश्न का माहौल बन गया।
इटली को इससे पहले साल 2000 और 2012 में फाइनल में पहुंचकर हार मिली थी। इटली साल 2018 में खेले गए विश्व कप के लिए क्वालीफाई तक नहीं कर पाया था। दूसरी ओर, इंग्लैंड के खेमे में जबरदस्त निराशा छा गई। इंग्लैंड की टीम पिछले 55 साल में एक बार भी यह खिताब नहीं जीता। एक बार फिर उसे फाइनल में हार झेलनी पड़ी थी। इंग्लैंड ने साल 1966 में विश्व कप जीता था। उसके बाद से पहली बार टीम किसी टूर्नामेंट को जीतने के इतने करीब आई थी।
इटली के गोलकीपर रहे जीत के हीरो
हालांकि यूरो कप के फाइनल
में इंग्लैंड की शुरुआत अच्छी रही। इंग्लैंड ने दूसरे मिनट में ही गोल दाग
दिया। इंग्लैंड का खाता ल्यूक शॉ ने खोला। दूसरे हाफ में 67वें मिनट में
इटली की ओर से लियोनार्डो बोनुची ने गोल दागकर स्कोर बराबर किया। मैच के
फैसले के लिए पेनल्टी शूटआउट का सहारा लेना पड़ा। इसमें इंग्लैंड ने तीन
मौके गंवा दिए। मार्कस रैशफोर्ड, जादोन सांचो और बुकायो साका गोलकीपर
जियानलुइगी डोनारुम्मा के सामने चूक गए। डोनारुम्मा को प्लेयर ऑफ द
टूर्नामेंट भी चुना गया। विजेता टीम इटली को 103.5 करोड़ और रनरअप इंग्लैंड
को 72.48 करोड़ रुपए मिले।
रोनाल्डो ने गोल्डन बूट पुरस्कार के मामले में इस खिलाड़ी को पछाड़ा
पुर्तगाल
के फॉरवर्ड क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने भले ही यूरो कप में चार मैच खेले,
लेकिन उन्होंने फिर भी एक बड़ा अवार्ड अपनी झोली में डाल लिया। रोनाल्डो
टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर रहे, जिससे उनको गोल्डन बूट का पुरस्कार मिला।
हालांकि रोनाल्डो और चेक गणराज्य के पैट्रिक स्किक ने 5-5 गोल किए, लेकिन
गोल असिस्ट करने के मामले में रोनाल्डो ने बाजी मार ली। रोनाल्डो ने एक गोल
असिस्ट किया, जबकि स्किक एक बार भी ऐसा नहीं कर पाए। फ्रांस के करीम
बेंजेमा चार गोल के साथ तीसरे स्थान पर रहे।