Tokyo Olympic : घुड़सवारी में चुनौती पेश करेंगे फवाद मिर्जा, एशियन गेम्स में जीते थे दो पदक

कोविड-19 महामारी के कारण एक साल देरी से जापान में हो रहे टोक्यो ओलंपिक के शुरू होने में अब सिर्फ 9 दिन बचे हैं। हर देश की तरह भारतीय खिलाड़ियों ने भी इसके लिए कमर कस ली है। फैंस को उम्मीद है कि इस बार भारत आज तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा। भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा भी ओलंपिक में चुनौती पेश करेंगे। फवाद पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। फवाद 20 साल बाद खेलों के महाकुंभ का टिकट हासिल करने वाले भारतीय घुड़सवार हैं। ओवरऑल बात करें तो उनसे पहले दो भारतीय घुड़सवार ही ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर पाए थे। इंद्रजीत लाम्बा ने 1996 के अटलांटा और इम्तियाज अनीस ने 2000 के सिडनी ओलंपिक में शिरकत की थी।

1982 के बाद फवाद यह कमाल करने वाले पहले भारतीय…

फवाद दो बार के एशियन गेम्स मेडलिस्ट हैं। फवाद सबसे पहले वर्ष 2018 में चर्चा में आए थे। तब वे वर्ष 1982 के बाद एशियन गेम्स में हॉर्स राइडिंग की इवेंट में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। जकार्ता में आयोजित एशियन गेम्स में उन्होंने रजत पदक पर कब्जा जमाया था। इससे पहले रघुबीर सिंह ने नई दिल्ली में 1982 के एशियाई खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता था।

फवाद ने 26.40 के जम्पिंग स्कोर के साथ रजत जीता। फवाद को टीम स्पर्धा में भी रजत मिला था। फवाद के साथ राकेश कुमार, आशीष मलिक और जितेंद्र सिंह टीम का हिस्सा थे। भारत का स्कोर 121.30 रहा था। बेंगलुरु में जन्मे फवाद को घुड़सवारी विरासत में मिली है। उनके पिता डॉ. हसनिन मिर्जा एक घुड़सवार पशु चिकित्सक हैं। फवाद ओलंपिक के लिए उत्तर-पश्चिम जर्मनी के बर्गडॉर्फ में ट्रेनिंग ले रहे हैं।


फवाद ने ओलंपिक के लिए चुनी ‘दजारा 4’ घोड़ी

फवाद ने ओलंपिक के लिए 'दजारा 4' नामक घोड़ी का चयन किया है। इससे उन्होंने अपने पहले ओलंपिक से पूर्व घोड़े के चयन को लेकर बनी असमंजस की स्थिति भी समाप्त कर दी। अर्जुन पुरस्कार विजेता फवाद ने पिछले दिनों बताया था कि वे इतिहास रचने की राह पर हैं और यह घोड़ी इसमें उनकी मदद करेगी। वे उसके साथ खेलों में भाग लेने को लेकर उत्सुक हैं। ‘दजारा 4’ एक सुंदर घोड़ी है और पूरा विश्वास है कि वह घुड़सवारी की तरफ लोगों का ध्यान खींचने में सफल रहेगी।

उम्मीद है कि युवा इस खेल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। हालांकि अनुभवी घोड़े 'सिगनुर मेडिकोट' पर 'दजारा 4' को प्राथमिकता देना मुश्किल फैसला था। मेडिकोट के साथ उन्होंने एशियन गेम्स में रजत पदक जीता था। ओलंपिक में क्रॉस कंट्री के बाद दो दौर शो जंपिंग के होंगे और यह मेडिकोट का कमजोर पक्ष है।