दिल्ली में यमुना पानी पर सियासी संग्राम, CM आतिशी और अरविंद केजरीवाल के आरोपों पर BJP का पलटवार

दिल्ली में सोमवार को सियासी सरगर्मियाँ चरम पर थीं, जब आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लगातार जनसभाओं का आयोजन कर रहे हैं, और इस दौरान उन्होंने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। केजरीवाल ने पालम में आयोजित एक जनसभा में दावा किया कि हरियाणा से दिल्ली आने वाले पानी में बीजेपी सरकार ने जहर मिला दिया है, जिससे यमुना नदी का पानी जहरीला हो गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को इस पानी में कुछ गड़बड़ी का शक हुआ था, जिसके बाद टेस्ट कर पानी की आपूर्ति को रोक दिया गया। अरविंद केजरीवाल का यह बयान बीजेपी के नेताओं को बर्दाश्त नहीं हुआ। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पलटवार करते हुए कहा कि केजरीवाल हार की हताशा में इस तरह के डरावने बयान दे रहे हैं, जिससे वह दिल्लीवालों को डराने की कोशिश कर रहे हैं।

बीजेपी ने किया पलटवार

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा, अरविंद केजरीवाल का बयान कि हरियाणा दिल्ली को जहरीला पानी दे रहा है, पूरी तरह से झूठा है। दिल्ली जलबोर्ड के मुख्य अधिकारी की रिपोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के यमुना में जहरीले पानी के झूठे बयान की पोल खोल दी है। अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक करियर झूठी कल्पनाओं और फिल्मी कहानियों पर आधारित रहा है।

उन्होंने कहा, केजरीवाल का यमुना को हरियाणा से जहरीला जल मिलने का बयान पूरी तरह फिल्मी बयान लग रहा है। अकसर हमने फिल्मों में खलनायकों को कुएं का पानी जहरीला होने का भय दिखाते देखा है और वही चंद वोट पाने के लिए हमने केजरीवाल को करते देखा है। दिल्ली वाले भलीभांति जानते हैं कि हरियाणा दिल्ली को मानक अनुसार पानी देता है, लेकिन वजीरपुर से ओखला की यात्रा में केजरीवाल की लापरवाही से नदी में गिरने वाले लगभग 42 बिना उपचार के नाले यमुना जल को प्रदूषित करते हैं।

सीएम आतिशी ने उठाया ये मुद्दा

वहीं इस मामले में सीएम आतिशी ने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल और मैंने बीजेपी द्वारा दिल्ली में जहरीला पानी भेजने की साजिश का पर्दाफाश किया, तो बीजेपी ने तुरंत अपने एलजी के माध्यम से दिल्ली सरकार के अफसरों पर दबाव बनाया और दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ से चिट्ठी जारी करवाई। बीजेपी यह दिखाना चाहती थी कि कोई समस्या नहीं है, कोई साजिश नहीं है और कोई जहरीला पानी नहीं आ रहा है, लेकिन सच तो सच होता है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ ने जो चिट्ठी लिखी है, उसमें साफ लिखा है कि जल बोर्ड के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट केवल 1 पीपीएम अमोनिया तक वाले पानी को ट्रीट कर सकते हैं और अधिकतम 2 से 2.5 पीपीएम तक के अमोनिया वाले पानी को अधिक पानी मिलाकर ट्रीट किया जा सकता है। लेकिन आज यमुना नदी में 6.5 पीपीएम अमोनिया है यानी बीजेपी की हरियाणा सरकार 6 गुना ज्यादा अमोनिया यमुना में छोड़ रही है और दिल्ली को जहरीला पानी भेज रही है।

सीएम ने दिखाई जल बोर्ड की चिट्ठी

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ द्वारा भेजी गई चिट्ठी को सार्वजनिक करते हुए 21 से 27 जनवरी तक के डाटा का हवाला दिया, जिसमें अमोनिया का स्तर 5.5, 5.6, 5.8, 6.4, 6.8 से बढ़ते हुए 7.2 पीपीएम तक पहुंचने का उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि जहां 1 पीपीएम अमोनिया वाले पानी को उपचारित करके पीने योग्य बनाया जा सकता है, वहीं 7 पीपीएम अमोनिया वाला पानी दिल्लीवासियों के लिए खतरे का कारण बन सकता है और यह जहर के समान है।

सीएम आतिशी ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव हारने की हताशा में दिल्लीवालों को जहरीला पानी देने की कोशिश कर रही है और इसके लिए अफसरों पर दबाव बना रही है। उनका कहना था कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा जारी किए गए डाटा से यह साफ हो गया है कि हरियाणा सरकार जानबूझकर दिल्ली को जहरीला पानी भेज रही है और अब इसका पूरा सबूत दिल्लीवासियों के सामने है।