चीन को मिली बड़ी कामयाबी, WHO ने प्रमाण पत्र जारी कर किया मलेरिया-मुक्त घोषित

दुनिया के कई देश मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारी मलेरिया का सामना कर रहे हैं और हर दिन कई लोग इसकी चपेट में आते हैं। लेकिन इस बीच चीन के हाथ बड़ी कामयाबी मिली हैं जिसे बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रमाण पत्र जारी कर मलेरिया-मुक्त घोषित कर दिया। साल 1940 में चीन में इस संक्रमित बीमारी के तीन करोड़ से ज्यादा मामले सामने आए थे लेकिन पिछले चार सालों से चीन में स्वदेशी मलेरिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है। चीन दुनिया का 40वां देश बन गया है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन से ये प्रमाण पत्र मिला है। इसके अलावा दुनिया के 61 देश ऐसे भी हैं, जहां मलेरिया बीमारी कभी अस्तित्व में आई ही नहीं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने चीन की इस उपलब्धि पर वहां के लोगों को बधाई दी है। उन्होंने आगे कहा कि बहुत मुश्किल से चीन को ये सफलता हासिल हुई है और इस मुकाम तक पहुंचने में चीन को दशक लग गए। इस घोषणा के बाद चीन से उन देशों की सूची में अपना नाम शामिल कर लिया है, जो पहले से मलेरिया-फ्री हैं और संदेश जारी करती हैं कि दुनिया में मलेरिया-फ्री भविष्य भी हो सकता है। जिस देश में लगातार तीन सालों से मलेरिया का कोई स्वदेशी मामला सामने नहीं आया हो, वो विश्व स्वास्थ्य संगठन में सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकता है। ऐसा करने के लिए देशों को सबूत पेश करने होंगे और संक्रमण को फिर से फैलने से रोकने की क्षमता को दिखाना होगा।

नवंबर में छपी विश्व स्वास्थ्य संगठन की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 से इस बीमारी से मरने वालों लोगों की संख्या में कमी आ रही है। साल 2000 में दुनिया के 7।36 लाख लोगों ने इस बीमारी के आगे दम तोड़ा था, तो वहीं साल 2018 में ये आंकड़ा 4।11 लाख और 2019 में 4।09 लाख हो गया था। मलेरिया से होने वाली 90 फीसदी मौतें अफ्रीका में हुई। वहीं छोटे बच्चों और युवाओं में मलेरिया का ज्यादा संक्रमण देखने को मिला।