सैम पित्रोदा के बयान से स्वयं को अलग किया कांग्रेस ने, कहा सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य

नई दिल्ली। मौजूदा लोकसभा चुनावों के बीच मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपने ओवरसीज चीफ सैम पित्रोदा के बयान से दूसरी बार मुश्किलों में घिर गई है। पित्रोदा के बयान पर विवाद बढ़ता देख कांग्रेस ने उनकी कथित नस्लवादी टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया है।

पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर कहा, “सैम पित्रोदा ने पॉडकास्ट में भारत की विविधता को दर्शाने के लिए जो उदाहरण दिए हैं, वे सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उदाहरणों से खुद को पूरी तरह से अलग करती है।”

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, भारत की विविधता को चित्रित करने के लिए सैम पित्रोदा द्वारा पॉडकास्ट में तैयार की गई उपमाएं सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से खुद को पूरी तरह से अलग करती है।

गौरतलब है कि ‘द स्टेट्समैन’ के साथ एक इंटरव्यू में पित्रोदा ने भारत में लोकतंत्र पर अपने विचार करते हुए कहा कि हम 75 वर्षों से बहुत खुशहाल माहौल में रह रहे हैं, जहां लोग यहां-वहां के कुछ झगड़ों को छोड़कर एक साथ रह सकते हैं। हम एक देश पर पकड़ बनाए रख सकते हैं। भारत की तरह विविधतापूर्ण, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरे जैसे दिखते हैं और शायद दक्षिण के लोग अफ़्रीकी जैसे दिखते हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि भारत के लोग विभिन्न भाषाओं, धर्मों, भोजन और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं जो एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि यह वह भारत है जिसमें मैं विश्वास करता हूं, जहां हर किसी के लिए जगह है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है।



इससे पहले आज, पित्रोदा की विवादास्पद टिप्पणी पर प्रतिक्रिया करते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, सैम भाई, मैं पूर्वोत्तर से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविध देश हैं – हम अलग दिख सकते हैं, लेकिन हम सब एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!

ज्ञातव्य है कि कि इससे पहले कांग्रेस नेता पित्रोदा ने अमेरिका में प्रचलित विरासत कर की अवधारणा के बारे में बोलते हुए विवाद खड़ा कर दिया था और कहा था कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चर्चा की आवश्यकता होगी। टिप्पणियों के विवाद में घिरने के बाद पित्रोदा ने इस मुद्दे को कमतर करने की कोशिश करते हुए कहा कि उन्होंने उदाहरण के तौर पर केवल अमेरिका में विरासत कर का हवाला दिया था।