आयकर (इनकम टैक्स) वह कर है जो सरकार लोगों की आय पर आय में से लेती है। आयकर सरकारों के क्षेत्राधिकार के भीतर स्थित सभी संस्थाओं द्वारा उत्पन्न वित्तीय आय पर लागू होता है। कानून के अनुसार, प्रत्येक व्यवसाय और व्यक्ति कर देने या एक कर वापसी के लिए पात्र हैं, और उन्हें हर साल एक आयकर रिटर्न फाइल करना होता है। आयकर धन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जिसे सरकार अपनी गतिविधियों निधि और जनता की सेवा करने के लिए उपयोग करता है।
दरअसल सरकार अपने अधिकार क्षेत्र के अंदर रहने वाले लोगों और संस्थानों को जो Security, Administration और नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराती है। इन सारी चीजों पर उसे बड़ी मात्रा में खर्च करना पड़ता है। इस खर्च को भारत सरकार टैक्स लगाकर पूरा करती है। भारत समेत पूरी दुनिया में टैक्स दो तरीके से लिया जाता है।
- पहला, लोगों की आमदनी में से कुछ हिस्सा लेकर यानी प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)
- दूसरा, कुछ सेवाओं और वस्तुओं के उपभोग पर कुछ शुल्क लगाकर यानी परोक्ष कर (Indirect Tax)
डायरेक्ट टैक्स में सबसे बड़ा टैक्स Income tax है। हर साल तय नियम-निर्देशों के मुताबिक सरकार देश के उन सभी नागरिकों और संस्थाओं से Income Tax वसूल करती है, जिनकी आमदनी टैक्स भरने योग्य होती है। इसमें व्यक्तिगत, संयुक्त परिवार, कंपनियां, फर्म, संगठन, संस्थाएं आदि शामिल किए जाते हैं। सभी से उसकी Income के अनुसार अलग-अलग Income Tax लिया जाता है।
इनकम टैक्स वसूलने का अधिकारभारतीय संविधान की अनुसूची 7 में Central Government को ऐसे लोगों से टैक्स लेने का अधिकार दिया गया है, जिनकी Income कृषि आय से अलग है। ये Tax देश के नागरिकों और संस्थाओं पर किन शर्तों व नियमों के मुताबिक लगेंगे, इनका उल्लेख Income Tax Act,1961 और Income Tax Rules, 1962 में किया गया है। इसके अलावा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes -CBDT) भी इस संबंध में समय-समय पर नियम निर्देश जारी करता है।