ममता का BJP पर हमला- मैं मौत से नहीं, बल्कि मौत मुझसे डरती है, बंगाल को नहीं बनने देंगे गुजरात...

पश्चिम बंगाल में चार दिनों से चली आ रही जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को आज पूरे देशभर के डॉक्टर्स का साथ मिला है। वही इसी बीच शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर प्रतिक्रिया दी है। उत्‍तर 24 परगना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वह बंगाल को गुजरात नहीं बनने देंगी। उन्होंने कहा मैं मौत से नहीं, बल्कि मौत मुझसे डरती है, मुझे रोकने की हिम्मत किसी में नहीं है।

ममता बनर्जी ने आगे कहा कि मैं बिहार, यूपी, पंजाब जाती हूं तो हिंदी में बात करती हूं, क्‍योंकि राष्ट्रीय भाषा हिंदी है। लेकिन जब आप बंगाल आएं तो यहां आपको बांग्‍ला बोलनी पड़ेगी। चुनाव के बाद ही राज्य में हिंसा हुई है। हम बंगाल को गुजरात नहीं बनने देंगे। बंगाल में हिंसा फैलाने की कोशिश की जा रही है। क्यों अल्पसंखयको के ऊपर हमला हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि बंगाल में गुंडागर्दी का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर आप बंगाल में आए हैं, तो आपको बंगाली ही बोलनी होगी। बंगाल की सीएम ने दो टूक कहा कि वह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगी कि बंगाल में गुंडे यूं ही बाइकों पर घूमते रहे। ममता ने कहा बंगाल का विकास करना होगा। हमें ईवीएम नहीं चाहिए, बैलट चाहिए। इसके लिए 21 जुलाई को आंदोलन होगा।

ममता ने कहा कि बंगाल में रहकर बंगालियों को डराएंगे? मैं यह बर्दाश्त नहीं करूंगी। मुझसे क्यों इतना डरते हैं? हमारी लड़ाई गणतंत्र की लड़ाई है। पुलिस अगर काम नहीं करेगी तो जनता कहा जाएगी? फायदा उठाने के लिए सब पार्टी बदल रहे हैं। कैसे माकपा का वोट बीजेपी को मिल गया? माकपा ने अपना साइन बोर्ड खुद ही तैयार किया है।

उन्‍होंने कहा कि मुझे गालीगलौच करके कुछ नहीं मिलेगा। मुझे जितनी गालियां दोगे उतनी ही अधिक सीट हम जीतेंगे। ममता बनर्जी करोड़पति की बेटी नहीं है, इसीलिए मुझे गाली देना आसान है। मैं 7 दिन का वक्‍त देती हूं जिसे जहां जाना है चला जाए, पार्टी पवित्र हो जाएगी।

बता दे, लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस में उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले मतदान के दौरान हिंसा हुई और जब नतीजों में बीजेपी ने 18 सीटें अपने नाम कर लीं तो चुनाव के बाद हिंसा और भी बढ़ गई। दोनों ही पार्टियों की नजर 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर हैं, TMC को डर है कि भाजपा विधानसभा चुनाव में भी अपना आधार बढ़ा सकती है।
बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल
आपको बता दें कि बंगाल में इस समय डॉक्टरों की हड़ताल चल रही है, जिसकी वजह से राज्य में विवाद जारी है। यहां एक जूनियर डॉक्टर के साथ कुछ मरीजों ने बदतमीजी की थी, जिसके बाद से ही राज्य में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। वहीं, ममता बनर्जी ने इस हड़ताल के पीछे भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार बताया था। तो वहीं डॉक्टरों को तुरंत काम पर वापस पहुंचने को कहा था। लेकिन डॉक्टर्स अपनी मांग को लेकर अड़े हुए है। ममता सरकार से खफा डॉक्टरों ने इस्तीफों की झड़ी लगा दी है अभी तक राज्य में 150 से अधिक डॉक्टर अपना पद छोड़ चुके हैं। अभी तक दार्जिलिंग में 27, उत्तर 24 परगना में 18 और NRS कॉलेज में 100 से अधिक डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं तो वहीं कोलकाता में 80 से अधिक डॉक्टरों ने इस्तीफे की धमकी दी है। वही इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जूनियर डॉक्टर्स के एसोसिएशन के प्रतिधिमंडल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मैं डॉक्टर्स से अपील करता हूं कि वे सांकेतिक प्रदर्शन करें और काम करते रहें। साथ ही हर्षवर्धन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा कि वे हड़ताल के मुद्दे को प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाएं। उन्होंने डॉक्टर्स को अल्टीमेटम दिया जिससे डॉक्टर्स में गुस्सा बढ़ा और वे हड़ताल पर गए।

मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनायें : हर्षवर्धन

हर्षवर्धन ने कहा कि चिकित्सकों को बुरी तरह से पीटे जाने के बावजूद डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री से केवल यही कहा कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए और हिंसा में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, लेकिन ऐसा करने की जगह उन्होंने डॉक्टरों को चेतावनी और अल्टीमेटम दे दिया, जिससे देशभर के चिकित्सकों में नाराजगी फैल गई और वे हड़ताल पर चले गए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अगर इस तरह के गंभीर परिदृश्य में मुख्यमंत्री संवेदनशील तरीके से काम करती हैं तो देशभर में मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनायें।’’

बंगाल में डॉक्टरों की चल रही हड़ताल ने पूरे देश में माहौल बनाया और कई राज्यों के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। दिल्ली, मुंबई, यूपी, मध्य प्रदेश में डॉक्टरों ने आज काम करने से इनकार कर दिया। बंगाल में ममता सरकार से नाराज चल रहे करीब 27 से अधिक डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया।

इस बीच डॉक्टर हड़ताल मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी ममता सरकार को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट की तरफ से ममता सरकार को आदेश दिया गया है कि वह तुरंत नाराज डॉक्टरों से बात करें और ये भी बताएं कि अभी तक डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

क्यों भड़का माहौल?

दरअसल, ये घटना 10 जून करीब साढ़े पांच बजे की है। जब नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक 75 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने मौके पर मौजूद डॉक्टरों को गालियां दीं। इसके बाद डॉक्टरों ने कहा- जब तक परिजन हमसे माफी नहीं मांगते हम प्रमाण पत्र नहीं देंगे।

इस मामले में फिर हिंसा भड़क गई, कुछ देर बाद हथियारों के साथ भीड़ ने हॉस्टल में हमला कर दिया। इसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हुए जबकि कई और को भी चोटें आईं। और उसके बाद जब ममता बनर्जी ने हड़ताल वाले डॉक्टरों की निंदा की तो मामला तूल पकड़ता गया। NRS कॉलेज के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल अभी तक इस मामले में अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं।