वीडियोकान को दिए लोन में कथित अनियमतता के आरोपों को लेकर आईसीआईसीआई बैंक ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया। बैंक ने सोमवार को संदीप बख्शी को अपना मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) नियुक्त करने की घोषणा की। साथ ही, बैंक ने कहा कि उसकी मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर तब तक अवकाश पर रहेंगी, जब तक वीडियोकॉन लोन मामले में उनके खिलाफ चल रही आंतरिक जांच पूरी नहीं हो जाती। फिलहाल आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के एमडी तथा सीईओ के पद पर कार्यरत बख्शी 19 जून मंगलवार से बैंक के सीओओ पद का कार्यभार संभालेंगे।
बैंक ने कहा कि गवर्नेंस तथा कॉरपोरेट मानदंड के उच्चस्तर के तहत कोचर ने अपने खिलाफ जांच पूरी होने तक अवकाश पर जाने का फैसला लिया था। जांच की घोषणा 30 मई, 2018 को की गई थी। कोचर तथा उनके परिजन वीडियोकॉन समूह को दिए गए लोन के बदले फायदा लेने के आरोपों का समाना कर रहे हैं। एक व्हिस्ल ब्लोअर की शिकायत पर पिछले महीने बैंक ने कोचर पर लगे आरोपों के खिलाफ स्वतंत्र जांच करने की घोषणा की थी।
वीडियोकॉन ने नहीं चुकाए थे 2,810 करोड़ रुपये- वीडियोकॉन समूह की पांच कंपनियों को अप्रैल, 2012 में 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया। समूह ने इसमें से 2,810 करोड़ रुपये नहीं चुकाए। इसके बाद 2017 में कर्ज को एनपीए घोषित कर दिया गया।
- दिसंबर, 2008 में वीडियोकॉन समूह के मालिक वेणुगोपाल धूत ने आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ न्यूपावर रिन्यूबल्स प्राइवेट लिमिटेड बनाई। इसमें कोचर के परिवार और धूत की हिस्सेदारी 50-50 फीसदी थी।
धूत की कंपनी में थी कोचर के परिवार की हिस्सेदारी- वीडियोकान समूह को ऋण देने के मामले में कोचर हितों के टकराव को लेकर संदेह के घेरे में हैं। वीडियोकान के समूह वेणुगोपाल धूत हैं, जिनके कारोबारी संबंध चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ रहे हैं।
- दीपक कोचर को कंपनी का प्रबंध निदेशक बनाया गया। धूत ने जनवरी, 2009 में कंपनी के निदेशक का पद छोड़ दिया। उन्होंने ढाई लाख रुपये में अपने 24,999 शेयर्स भी न्यूपावर में ट्रांसफर कर दिए। आखिर में 94.99 फीसदी होल्डिंग वाले शेयर महज नौ लाख रुपये में दीपक कोचर के पति की अगुवाई वाली कंपनी को मिल गए।