वडोदरा। वडोदरा में स्थानीय निवासी मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक मुस्लिम परिवार को घर आवंटित किए जाने का विरोध कर रहे हैं। हरनी क्षेत्र में इस योजना के तहत बनाए गए परिसर मोटनाथ रेजीडेंसी के निवासियों का दावा है कि यह आवंटन अशांत क्षेत्र अधिनियम का उल्लंघन करता है। इस आवासीय परिसर में 462 इकाइयां हैं और यह मुख्य रूप से हिंदू बहुल है।
गुजरात सरकार द्वारा लागू किया गया अशांत क्षेत्र अधिनियम, निर्दिष्ट अशांत क्षेत्रों में संपत्ति के लेन-देन के लिए जिला कलेक्टर से अनुमोदन अनिवार्य करता है। यह बिना मंजूरी के विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच संपत्ति की सीधी बिक्री पर भी रोक लगाता है और अगर बिक्री आगे बढ़नी है तो स्थानीय निवासियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता होती है।
निवासियों ने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि अधिनियम को लागू किया जाना चाहिए था। अतुल गेमची नामक निवासी ने कहा, गुजरात सरकार ने यहां अशांति की धारा लागू की है। इसलिए, यहां कोई भी हिंदू कॉलोनी में मुस्लिम को घर नहीं दे सकता। फिर भी सरकारी अधिकारियों ने उस नियम को लागू नहीं किया और मुस्लिम को घर दे दिया।
उन्होंने आगे कहा, हम चाहते हैं कि आवंटन रद्द किया जाए। हम यहां एक मुस्लिम परिवार के रहने से सहज महसूस नहीं करते, इससे तनाव पैदा होना स्वाभाविक है। अगर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है, तो हम सांसदों और नगर निगम अधिकारियों के घरों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
हालांकि, वडोदरा नगर निगम ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि आवंटन लॉटरी सिस्टम के जरिए किया गया था और अशांत क्षेत्र अधिनियम लागू होने से पहले आवश्यक दस्तावेज दाखिल किए गए थे।
स्थायी समिति की अध्यक्ष डॉ. शीतल मिस्त्री ने स्पष्ट किया, इस योजना के लिए लॉटरी 2017 में आयोजित की गई थी। इसमें भाग लेने के लिए सभी पात्र हैं और उस ड्रॉ में एक मुस्लिम महिला को घर आवंटित किया गया था। अशांत क्षेत्र अधिनियम के लागू होने से पहले 2018 में कागजी कार्रवाई की गई थी। एक बार मंजूरी मिलने के बाद, ऐसे आवंटन कानूनी रूप से रद्द नहीं किए जा सकते। हम केवल घर के मालिक को छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर सकते हैं।
प्रशासन कथित तौर पर निवासियों की शिकायतों के मद्देनजर मकान मालिक को संपत्ति खाली करने के लिए मनाने का प्रयास कर रहा है।