भारत में 13-14 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू होने की उम्मीद, लेकिन 69% लोग अब भी टीका लगवाने से घबरा रहे

भारत में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को दो वैक्सीन को अप्रूवल दे दिया था। पहली- ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) बना रहा है। दूसरी- कोवैक्सिन, जिसे भारत बायोटेक बना रहा है। वैक्सीन के अप्रूवल मिलने के बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि वैक्सीनेशन 13-14 जनवरी से शुरू हो सकता है। लेकिन इस बीच एक सर्वे में सामने आया है कि 69% लोगों ने वैक्सीन लगवाने से घबरा रहे है। लोकलसर्कल्स द्वारा किए गए सर्वे में यह बात सामने आई। इस सर्वे में 8,723 लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें बताया गया कि पिछले साल नवंबर और दिसंबर में वैक्सीन को लेकर जो हिचक लोगों में थी, वह जनवरी में भी कायम है।

सर्वे में सामने आया कि 69% लोगों ने कहा कि वे वैक्सीन को लेकर किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं। इससे पहले दिसंबर में भी 69% लोगों में वैक्सीन को लेकर हिचक दिखी थी। नवंबर में 59% और अक्टूबर में 61% लोगों ने कहा था कि वे वैक्सीन को लेकर जल्दबाजी में नहीं हैं। 26% लोगों का कहना है कि जैसे ही वैक्सीन आएगी, वे सरकारी या प्राइवेट चैनल से वैक्सीन जरूर लेंगे। सर्वे में 5% लोग ऐसे भी थे जो सरकार के बनाए प्रायोरिटी ग्रुप्स (हेल्थ या फ्रंटलाइन वर्कर्स) में आते हैं। इनका कहना है कि सरकार ने जो भी प्रक्रिया तय की है, उसके तहत वैक्सीन लेंगे।

56% पैरेंट्स अभी करना चाहते है इंतजार

भारत बायोटेक का दावा है कि उसकी कोवैक्सिन (COVAXIN) 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए भी सुरक्षित है। इस आधार पर पैरेंट्स से पूछा गया कि क्या वे स्कूली बच्चों को वैक्सीन लगवाएंगे? इस पर 56% पैरेंट्स ने कहा कि वे तीन और महीने इंतजार करना चाहेंगे। तब तक ज्यादा डेटा मिल चुका होगा और नतीजे आ चुके होंगे। तब वे इस पर फैसला लेंगे। सिर्फ 26% भारतीय पैरेंट्स ने कहा कि अप्रैल 2021 या स्कूल सेशन से पहले तक वैक्सीन उपलब्ध हुई, तो वे अपने बच्चों को जरूर लगवाएंगे। वहीं, 12% पैरेंट्स ने तो सीधे-सीधे साफ कह दिया कि वे अपने बच्चों को वैक्सीन नहीं लगवाने वाले।